रूस और यूक्रेन की बीच जंग को आज 115वां दिन हो गया और इस वक्त युद्ध और भी भीषण हो गई है। रूसी लगातार तेजी से यूक्रेन के शहरों पर अटैक कर रहा है और कब्जा करते जा रहा है। इस 115 दिनों के जंग में रूस ने यूक्रेन को पूरी तरह से बरबाद कर दिया है। लेकिन, राष्ट्रपति जेलेंस्की को अब भी लग रहा है कि पश्चिमी देश उन्हें बचा लेंगे। अब जब यूक्रेन में कुछ बचा ही नहीं है तो पश्चिमी देश बचाएंगे किसे। ये जंग यूक्रेन की नहीं बल्कि पश्चिमी देशों और रूस के बीच है। रूस अकेला यूक्रेन के साथ ही पश्चिमी देशों से लड़ रहा है। रूस इस वक्त यूक्रेन के कई शहरों पर भीषण हमला कर रहा है। ऐसे माना जा रहा है कि, यह जंग बहुत कम ही दिनों की अब बची है और इसके साथ ही रूसी सेना यूक्रेन पर अपना पूरा कब्जा जमा लेगी।
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पश्चिमी देश यूक्रेन के साथ एक बार फिर सक्रिय दिख रहे हैं। हाल ही में जर्मनी, फ्रांस और इटली के नेताओं द्वारा कीव दौरे के बाद ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन भी अचानक कीव पहुंचे। उन्होंने जेलेंस्की की भरोसा दिलाया कि ब्रिटेन और नाटो देश उसकी हर संभव मदद करेंगे। पश्चिमी देशों की यह सक्रियता बताती है कि ये देश यूक्रेन के साथ नई और बड़ी योजना बना रहे हैं। ऐसे में रूस भी रुकने वाला नहीं है। वह पहले ही कह चुका है कि जो भी देश यूक्रेन का साथ देगा वो उसे इस जंग में लिप्त समझेगा।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका पर तंज कसते हुए कहा है कि दुनिया में अब उसका दबदबा कम हो गया है। पुतिन ने अमेरिका के सहयोगी देशों को सलाह दी है कि वे रूस के खिलाफ किसी बहकावे में आने से पहले अपने फायदे-नुकसान के बारे में विचार कर लें। पुतिन ने कहा, अमेरिका खुद को मैसेंजर ऑफ लॉर्ड, यानी भगवान का संदेशवाहक समझता है, जबकि हकीकत यह है कि वो अपने सहयोगियों से भी गुलामों की तरह बर्ताव करता है। अमेरिका को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी।