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पाकिस्तान के आर्टिकल 5 ने दिया इमरान खान को जीवनदान, जानें इस संविधान के बारे में ?

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पाकिस्तान में इमरान खान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया। डेप्युटी स्पीकर कासिम खान सूरी ने संविधान के आर्टिकल 5 का हवाला देकर इसे खारिज करने का फैसला सुनाया। आर्टिकल 5 के तहत अविश्वास प्रस्ताव को खारिज किया। डिप्टी स्पीकर कासिम खान सूरी ने कहा- '8 मार्च को पेश अविश्वास प्रस्ताव कानून के हिसाब से होना चाहिए। विपक्ष का प्रस्ताव कानून के मुताबिक नहीं है। किसी विदेशी ताकत को चुनी हुई सरकार को हटाने या साजिश करना का अधिकार नहीं है। इसके बाद डिप्टी स्पीकर कासिम खान सूरी ने आर्टिकल 5 के तहत विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया।

ऐसे में यह जानना जरूरी है कि आखिर पाकिस्तान के संविधान का अनुच्छेद 5 आखिर है क्या और यह सरकार को किस तरह के अधिकार देता है?,

 

क्या है पाकिस्तान के संविधान का अनुच्छेद 5?

पाकिस्तान के 1973 में लिखे गए संविधान के अनुच्छेद 5 में रियासत के नाम वफादारी और संविधान-कानून के अनुपालन की बात करता है।

अनुच्छेद 5 का पहला क्लॉज कहता है- "पाकिस्तान के हर व्यक्ति का यह बुनियादी फर्ज है कि वह अपनी रियासत के प्रति वफादार रहेगा"

वही इस अनुच्छेद का दूसरा क्लॉज कहता है- 'संविधान और कानून का अनुपालन करना हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है। चाहे वह पाकिस्तान में स्थायी तौर पर रह रहा हो या कुछ समय के लिए शरण लेकर आया हो।'

 

पाकिस्तान सरकार के सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ बोलते हुए कहा कि आर्टिकल 5 के तहत देश के प्रति वफादारी हर पाकिस्तान के हर नागरिक का कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि पीएम इमरान खान ने कहा है कि उनकी सरकार को हटाने के विदेशी साजिश है। इमरान खान ने अपनी इस दांव से विपक्ष के सारे सपने को एक झटके में तोड़ दिया। डिप्टी स्पीकर कासिम खान सूरी ने आर्टिकल 5 का हवाला देते हुए इमरान खान के खिलाफ पेश अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया। इसके तुरंत बाद इमरान ने संसद को भंग करने की सिफारिश कर दी जिसे राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने स्‍वीकार कर लिया।