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PM Modi से भीख मांग रहे जाने कितने शरीफ हैं पाक PM शहबाज,बातचीत करने के लिए बेचैन?

PM Modi से भीख मांग रहे शहबाज

 पाकिस्तान (Pakistan) की आज के समय में ऐसी हालत हो गई है जिसके आगे खाई और पीछे कुआं है, लेकिन अपनी ऐसी हालत करने वाला पाकिस्तान खुद है। पाकिस्तान पर कंगाली इस कदर छाई हुई है कि अब वो दर-दर कि ठोकरें खा रहा है और सबके सामने कटोरा लेकर भीख मांग रहा है। दरअसल, पाकिस्तान के ऊपर दूसरे देशों के इतने कर्ज हैं कि उसे पूरा करने में ही उसे कई वर्ष लग जाएंगे। इसके साथ ही अब देश में रोज की दैनिक जरूरतों को पूरा करने वाले सामानों तक की भारी कमी आ पड़ी है। मुल्क में न तो आटा है और न ही दाल, प्याज। लोग सड़कों पर उतर आए आये हैं। ऐसे में अब शहबाज सरकार को अक्ल आने लगी है कि, भारत से पंगा लेकर कितना बड़ा नुकसान उन्हें हुआ है।

ऐसे में अब शहबाज भारत से दोस्ती के लिए उसके एक खास दोस्त को आगे कर बात करने के लिए कह रहे हैं। लेकिन, इस हालत में भी वो कश्मीर राग अलापना नहीं भूले। कश्मीर को लेकर पाकिस्तान जहां भी गया वहां मुंह की खानी पड़ी। चाहे वो अमेरिका हो या संयुक्त राष्ट्र हर जगह उसे फटकार लगी। अब वो खाड़ी के प्रभावशाली मुस्लिम देश संयुक्त अरब अमीरात से गुहार लगा रहा है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत की याचना करने के बाद यूएई (Pakistan PM UAE India) से मांग की है कि, वह कश्मीर को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत में मदद करे।

पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने दुबई स्थित अल अरेबिया को दिए इंटरव्‍यू में कहा है कि वह भारत के साथ गंभीर वार्ता चाहते हैं। इसके बाद उन्‍होंने संयुक्‍त अरब अमीरात (UAE) के राष्‍ट्रपति शेख मोहम्‍मद बिन जायद से अनुरोध भी किया कि वह भारत के साथ वार्ता के लिए कोशिशें करें। शहबाज की ख्‍वाहिश है कि जायद भारत और पाकिस्‍तान को बातचीत की एक टेबल पर लेकर आएं। लेकिन इसी इंटरव्‍यू में जब शरीफ ने जम्‍मू कश्‍मीर में मानवाधिकार उल्‍लंघन और इसके विशेष दर्जे को खत्‍म करने वाले मुद्दे का जिक्र किया तो उनकी मंशा ही सवालों के घेरे में आ गई।

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शरीफ का कश्‍मीर वाला बयान

शरीफ ने जो बयान दिया है उसमें उन्‍होंने कहा है कि पाकिस्‍तान (Pakistan) भारत के साथ शांति में रहना चाहता है। उनका मानना है कि इसके बाद ही समस्‍याओं से छुटकारा मिल सकता है। शहबाज का कहना था, ‘कश्‍मीर, जहां पर मानवाधिकार हनन जारी है, उसके जैसे बाकी ज्‍वलनशील मुद्दों का समाधान के लिए मैं बात करना चाहता हूं।’ शरीफ ने इसी इंटरव्‍यू में कहा कि कश्‍मीर में रोजाना मानवाधिकार का उल्‍लंघन किया जा रहा है और भारत की सरकार ने यहां पर आर्टिकल 370 को खत्‍म कर दिया है।

शरीफ आखिर भारत से क्‍या चाहते हैं?

यूं तो शरीफ का बयान तो काफी बड़ा था लेकिन उन्‍होंने यह नहीं बताया कि आखिर वह भारत से क्‍या चाहते हैं। पाकिस्‍तान पहले इस तरफ इशारा कर चुका है कि भारत सरकार को जम्‍मू कश्‍मीर का पुराना दर्जा वापस लौटाना होगा। शरीफ से पहले उनके भाई और देश के पूर्व पीएम नवाज भी इसी तरह के बयान दे चुके हैं। वह कई बार कह चुके हैं पाकिस्‍तान, भारत के साथ शांति चाहता है। साथ ही देश की अर्थव्‍यवस्‍था के लिए वह भारत के साथ सामान्‍य संबंध चाहता है। लेकिन यह पहली बार है जब किसी पीएम ने माना है कि पाकिस्‍तान को सबक मिल गया है और भारत के साथ तीन युद्धों की वजह से देश में बेरोजगारी और गरीबी है।

शरीफ के बयान के बाद उनके ऑफिस की तरफ से सफाई देने वाला भी बयान आया। इसमें कहा गया कि कश्‍मीर में भारत की तरफ से गैरकानूनी कार्रवाई पर कोई समझौता नहीं होगा। इसके बाद माना गया कि पाकिस्‍तान सेना की तरफ से पीएम की टिप्‍पणी को गंभीरता से लिया गया है। सेना को शरीफ की ‘तीन युद्धों से सबक’ वाली बात अच्‍छी नहीं लगी है। पाकिस्‍तान के पीएमओ की तरफ से कहा गया, ‘जब तक भारत कश्‍मीर का विशेष राज्‍य दर्जा वापस नहीं करता है, कोई बात संभव नहीं है।’

सच्‍चाई से वाकिफ पाकिस्‍तान

दरअसल, पिछले कुछ सालों में पाकिस्‍तान (Pakistan) की आर्थिक कठिनाईयां काफी बढ़ी हैं। इसकी वजह से वह पश्चिमी एशिया के साथ संबंध बढ़ाने में लगा है। साथ ही यूएई और दुबई जो अब भारत के करीब हैं, उनके साथ संपर्क बढ़ा रहा है। पाकिस्‍तान का राजनीतिक और सैन्‍य नेतृत्व इस बात से बेहतरी से वाकिफ है कि भारत पांच अगस्‍त 2019 को जम्‍मू कश्‍मीर पर लिया गया अपना एतिहासिक फैसला नहीं पलटेगा। उसे मालूम है कि जम्‍मू कश्‍मीर पर उसे जरा भी नहीं सुना जाएगा। भारत और पाकिस्‍तान के बीच सामान्‍य रिश्‍ते इतने आसान नहीं हैं, खासकर तब जब इन देशों की जनता एक-दूसरे को दुश्‍मन के तौर पर देखती है।