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कंगाल पाकिस्तान को अब भी कर्ज देने से कतरा रहा IMF? इस मामले में दिया धोखा

Pakistan economic crisis

पाकिस्तान (Pakistan) इस वक्त अपनी बर्बादी की तरफ काफी तेजी से बढ़ता नजर आ रहा है। लोगों के पास दो वक्त की रोटी खाने के लिए आटा तक नहीं है और आटा खरीदने के लिए लंबी-लंबी कतारें लग रही हैं लेकिन तब भी कई लोगों को यह नहीं मिल पा रहा है। सब्जियों से लेकर तमाम खाद्य पदार्थों के दाम आसमान छू रहे हैं और कमरतोड़ महंगाई ने पाकिस्तान की जनता को परेशान कर रखा है। आलम यह है कि पाकिस्तान में कई उद्योग-धंधे बंद हो चुके हैं और विदेशी कर्ज का बोझ पाकिस्तान को डिफॉल्ट होने की तरफ धकेल रहा है। पाकिस्‍तान के वित्‍त मंत्री इशाक डार ने पिछले दिनों कहा था कि जल्‍द ही अंतरराष्‍ट्रीय मुद्राकोष (IMF) की तरफ से देश के लिए कोई अच्‍छी खबर आ सकती है। लेकिन पाकिस्‍तानी मीडिया की मानें तो फिलहाल ऐसा होता नजर नहीं आ रहा है। पाकिस्‍तान के अखबार एक्‍सप्रेस ट्रिब्‍यून की तरफ से आई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि IMF के सामने सबसे बड़ी चुनौती है किस पर भरोसा किया जाए।

IMF की शर्तें पूरी

वित्‍त मत्री डार ने कहा था कि सरकार की तरफ से से आईएमएफ की सभी शर्तों को पूरा किया जा रहा है और कड़े फैसले लिए जा रहे हैं। लेकिन आईएमएफ अभी इस बात की जानकारी हासिल करने में लगी है कि देश में आखिर सत्‍ता किसके पास है ताकि भविष्‍य की प्रतिबद्धताओं को पूरा किया जा सके। इसकी वजह से ही नवंबर 2022 से लोन प्रोग्राम अटका हुआ है। पाकिस्‍तान (SBP) के पूर्व गर्वनर रजा बाकिर ने इस बात पर चिंता जताई थी कि आईएमएफ को पाकिस्‍तान के लिए कर्ज देने वाले देशों के मसले पर भरोसा करने में संघर्ष करना पड़ रहा है। उन्‍होंने कहा कि जो कुछ भी कहा गया है, वह अभी तक पूरा नहीं हुआ है।

सरकार और IMF बातचीत में उलझे

इस समय पाकिस्‍तान की सरकार IMF के साथ औपचारिक वार्ता को पूरा करने में लगी है। सरकार ने आईएमएफ लोन के लिए कई मुश्किल फैसलों को लागू कर दिया है। देश में बिजली की कीमतों को बढ़ाया गया है और साथ ही 170 अरब रुपए के नए टैक्‍स भी लगा दिए गए हैं। सरकार का कहना है कि इसके बाद भी आईएमएफ की तरफ से इसके बाद भी सरकार से लगातार मांग की जा रही है कि मित्र देशों से तीन से चार अरब डॉलर तक का वित्‍तीय भरोसा हासिल किया जाए।

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सऊदी अरब और यूएई की तरफ से दो अरब और एक अरब डॉलर की मदद की तरफ इशारा किया गया है। मगर अभी तक इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि यह लोन कब मिलेगा और कैसे मिलेगा। दोनों देशों की तरफ से हाल में कई बार कर्ज देने का ऐलान किया गया है। ऐसे में इस बार इनका वादा कितना खरा उतरेगा, यह देखना होगा।