पूरी दुनिया इस बात से काफी अच्छे वाकिफ है कि पाकिस्तान किस कदर जम्मू कश्मीर में आयोजित हो रहे जी-20 सम्मेलन से परेशान है। उसे अब इस सम्मेलन के खिलाफ परममित्र चीन का भी साथ मिल गया है। पूरी दुनिया के सामने सम्मेलन को असफल करार देने के मकसद से मुल्क के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो (Bilawal Bhutto) ने एक जहरीला प्लान बनाया है। इस प्लान के तहत जी-20 (G-20) आयोजन के दौरान ही बिलावल (Bilawal Bhutto) पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर यानी पीओके के दौरे पर निकलेंगे। जम्मू कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में 22 से 24 मई तक जी-20 सम्मेलन का आयोजन होगा। इस बार भारत इस सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहा है।
जिस समय श्रीनगर में जी-20 सम्मेलन के लिए दुनिया भर से राजनयिकों और वरिष्ठ मंत्रियों की टीम इकट्ठा होगी, उसी समय बिलावल भी इससे कुछ ही दूरी पीओके में मौजूद होंगे। 21 से 23 मई तक बिलावल पीओके में रहेंगे। 23 मई को बिलावल बाग कश्मीर में कश्मीरी शरणार्थियों के साथ मुलाकात करेंगे। साथ ही एक रैली को भी संबोधित करेंगे। यह जानकारी ऐसे समय में आई है जब चीन की तरफ से जी-20 सम्मेलन के आयोजन का विरोध किया गया है। बाग कश्मीर मुजफ्फराबाद से 80 किलोमीटर दूर और श्रीनगर से करीब 100 किलोमीटर दूर स्थित है। जबकि पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद से यह 160 किमी दूर है।
एस जयशंकर ने दिया था करारा जवाब
गोवा में एससीओ की बैठक के बाद एस जयशंकर ने बिलावल भुट्टो (Bilawal Bhutto) की खिंचाई करते हुए कहा था कि आतंकवाद के पीड़ितों और आतंकवाद को अंजाम देने वालों को एक साथ बैठकर आतंकवाद पर चर्चा नहीं करनी चाहिए। यहां तक कि उन्होंने पाकिस्तान की कमजोर अर्थव्यवस्था पर भी कटाक्ष किया और कहा कि देश की विश्वसनीयता उसके विदेशी मुद्रा भंडार की तुलना में तेजी से घट रही है। पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) को छोड़कर पाकिस्तान के साथ कश्मीर पर चर्चा करने के लिए कुछ भी नहीं बचा है।
चीन को मिला करारा जवाब
चीन ने कश्मीर में जी-20 मीटिंग का यह कहकर विरोध किया है कि यह एक विवादित क्षेत्र है और ऐसे आयोजनों का वह दृढ़ता से विरोध करता है। साथ ही उसने इसमें हिस्सा न लेने का ऐलान कर दिया है। चीन के विदेश मंत्रालय की मानें तो तुर्की और सऊदी अरब ने भी श्रीनगर में होने वाले कार्यक्रम के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है। हालांकि भारत की तरफ से भी चीन को बराबर जवाब दिया गया है। भारत ने कहा ह कि वह अपने क्षेत्र में ऐसे सम्मेलन कराने के लिए आजाद है।
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