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क्यों ख़ास है हिब्रू में लिखी यह बाइबिल,जिसकी नीलामी की क़ीमत होगी लगभग 50 मिलियन डॉलर

अबतक की सबसे बड़ी नीलामी वाली किताब-एक हिब्रू बाइबिल

भारत में मई का महीना गर्मी भरा होता है। लेकिन अमेरिका में तब भी ठंढ होगी,लेकिन न्यूयॉर्क के सोथबी मुख्यालय में एक अलग तरह की गर्मी होगी और उसकी गर्माहट का राज़ हिब्रू में लिखी वह बाइबिल है,जिसकी निलामी तक़रीबन 50 मिलियन डॉलर,यानी 410 करोड़ रुपये में  की जाएगी। इसे अबतक की सबसे बड़ी निलामी कहा जा रहा है।शोधकर्ताओं ने पाया है कि हिब्रू बाइबिल 9वीं शताब्दी के अंत में लिखी गई थी।अरबपति और निवेशक केनेथ ग्रिफिन ने अमेरिकी संविधान के पहले संस्करण के लिए सोथबी की नीलामी में 43.2 मिलियन डॉलर का भुगतान करके 2021 में एक रिकॉर्ड बनाया था।इस बाइबिल की निलामी से वह रिकॉर्ड टूट जाएगा।

सोथबी के प्रतिनिधि शेरोन मिंट्ज़ ने बुधवार को सीएनएन को बताया कि हिब्रू बाइबिल नीलामी के लिए आने वाला अब तक का सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज़ है। इसे दुनिया की सबसे पुराने किताबों में से एक बताया जा रहा है। हालांकि,दुनिया में सबसे पहले जिस किताब की छपाई वही थी,वह भी बाइबिल ही थी,क्योंकि छापाखाना सबसे पहले जर्मनी के ही गुटेनबर्ग नामक एक शख़्स ने बनाया था।जहां दुनिया में हाथ से लिखने की परंपरा थी,वहीं इस छापाखाने ने किताब की छपाई में धूम मचा दी और सबसे ज़्यादा संख्या में बाइबिल की ही छपाई हुई।दिलचस्प बात है कि बाइबिल ग्रीक शब्द टा बिल्लिया से निकला हुआ शब्द है,जिसका अर्थ भी किताब ही होता है।