यूक्रेन की ये गलतफहमी तो दूर हो गई जो "वो जंग से पहले अमेरिका और नाटो के दम पर घमंड में था कि, अगर रूस ने हमला किया तो उसके खिलाफ सिर्फ यूक्रेन सैनिक नहीं बल्कि नाटो और अमेरिकी सैनिक भी लड़ेंगे। लेकिन, जब जंग की शुरुआत हुई तो अमेरिका-नाटो मैदाम में उतरने से ही मना कर दिए"। अमेरिका और नाटो लाख धमकियों और कोशिशों के बाद भी रूस को यूक्रेन पर हमला करने से नहीं रोक सके। इस बीच संयुक्त राष्ट्र में जेलेंस्की पश्चिमी देशों पर जमकर भड़के हैं। उन्होंने यह तक कह दिया कि अगर वे रूस पर एक्शन नहीं ले सकते हैं तो फिर उन्हें इस संस्था को बंद कर देना चाहिए।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने UNSC में जमक भड़ास निकाली है। उन्होंने यहां तक कह दिया कि अगर वे रूस पर एक्शन नहीं ले सकते हैं तो फिर उन्हें इस संस्था को बंद कर देना चाहिए। इस दौरान जेलेंस्की ने UNSC से कहा कि रूसी बलों द्वारा की गई ज्यादतियां इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों के कृत्यों से अलग नहीं हैं। उन्होंने रूसी बलों को युद्ध अपराध करने के मामले में न्याय के दायरे में लाने की खातिर तत्काल कार्रवाई किए जाने की मांग की। यूक्रेन में रूसी युद्ध अपराधों की इस्लामिक स्टेट (दाएश) से तुलना करते हुए, और नूर्नबर्ग की तर्ज पर एक न्यायाधिकरण के माध्यम से पूर्ण जवाबदेही की मांग करते हुए, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) से एक वर्चुअल संबोधन में कहा कि संयुक्त राष्ट्र को या तो बंद कर देना चाहिए और खुद को भंग कर देना चाहिए या कठोर सुधार करना चाहिए और रूस को परिषद से बाहर कर देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि, अगर यूएन बातों से ज्यादा कुछ करना चाहता है और अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने के अपने जनादेश को पूरा करना चाहता है तो उसे यह करना चाहिए। जेलेंस्की ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अपने पहले संबोधन में कहा, मैं रूसी बलों के कब्जे से हाल में मुक्त कराए गए एवं कीव के पास स्थित बूचा शहर से कल लौटा। वहां एक भी ऐसा अपराध नहीं है, जो हुआ नहीं हो। रूसी बलों ने हमारे देश की सेवा करने वाले हर व्यक्ति की चुन-चुन कर और जानबूझकर हत्या की।