यूक्रेन में इस वक्त आलम यह है कि रूसी हमले से लगभग पूरी तरह तबाह हो चुका है। यूक्रेन पूरी तरह से खत्म हो चुका है लेकिन, अमेरिका और नाटो के चक्कर में फंसा हुआ है और हथियार नहीं डालना चाहता। ऐसा इसलिए क्योंकि, रूस एक महाशक्तिशली देश है और जब तक वह यूक्रेन पर हमला करते रहेगा तब तक पश्चिमी देश उसपर आर्थिक वार करते रहेंगे। जिससे वह पूरी तरह कमजोर हो जाए और इसका फायदा ये अमेरिका-नाटो उठा सके। जंग का आज 26वां दिन है और अब तक रूस ने लगभग पूरे यूक्रेन में भारी तबाही मचाई है। खुद को कमजोर होता देख यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने एक बार फिर से राष्ट्रपति पुतिन संग बातचीत करने के लिए तैयार हैं।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने व्लादिमीर पुतिन को वार्ता के लिए आमंत्रित करते हुए कहा कि, युद्ध को खत्म करने का एकमात्र तरीका बातचीत है और मैं इसके लिए तैयार हूं। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि अगर वार्ता के ये प्रयास असफल साबित हुए तो इसका परिणाम तीसरे विश्वयुद्ध के रूप में देखने को मिल सकता है। जेलेंस्की ने कहा कि मैं समझता हूं कि बिना बातचीत किए हम इस युद्ध को समाप्त नहीं कर सकते हैं। मैं उनके (पुतिन) साथ वार्ता करने के लिए तैयार हूं। जेलेंस्की का यह बयान ऐसे समय में आया है जब रूस यूक्रेन के मुख्य शहरों पर अपने हमले तेज कर रहा है। उन्होंने आगे कहा कि अगर इस युद्ध को रोकने का एक फीसदी मौका भी है तो मैं समझता हूं कि हमें यह कदम उठाने का साहस करना चाहिए।
बता दें कि, जंग के बीच जेलेंस्की ने इजरायल से मदद मांगते हुए कहा है कि, अब तटस्थता को छोड़ने का समय आ गया है। यहूदी देश को यूक्रेन के समर्थन में खड़े होना चाहिए। जेलेंस्की भी यहूदी हैं। इजरायली सांसदों को संबोधित करते हुए जेलेंस्की ने रूस के हमले की तुलना होलोकॉस्ट से की। उन्होंने कहा, आज से 80 साल पहले भी यूक्रेन ने यहूदियों को बचाने का फैसला किया था। अब समय आ गया है कि इजरायल यूक्रेन को बचाए। हालांकि, यह उनका भड़काने का काम है। जब यूएस और पश्चिमी देशों से दाल नहीं गली तो वो अब दूसरा खेल-खेल रहे हैं।