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Pakistan ही नहीं China भी कश्मीरी और खालिस्तानी आतंकियों को बांट रहा पैसा!

China-Pak Terror Nexus

भारत ने अंतर्राष्ट्रीय कूटनीतिक में अच्छे प्रभाव के चलते चीन और पाकिस्तान को अफगानिस्तान में बड़ी शिकस्त दी है। चीन और पाकिस्तान की लाख कोशिशों के बावजूद अफगानिस्तान की तालिबान सरकार को कोई भी देश मान्यता देने के लिए आगे नहीं आया है। यहां तक कि कतर और तुर्की भी तालिबान को मान्यता देने को तैयार नहीं हैं। खुद चीन और पाकिस्तान बैक डोर से भले ही तालिबान को स्वीकार कर रहे हैं लेकिन सामने आकर मान्यता देने की हिम्मत नहीं जुटा पाए हैं। भारत के प्रयासों से जितनी जलन और चिढ़न पाकिस्तान को हो रही है उससे कहीं ज्यादा चीन को हो रही है। इसका उदाहरण चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ली जियान के खीज भरे नारे से सामने आया। ली जियान प्रेस कांफ्रेंस में ये भी भूल गए कि वो कोई नेता नहीं बल्कि ‘प्रवक्ता’हैं। भारतीय जर्नलिस्ट के एक सवाल का कोई जवाब नहीं सूझा तो में ली जियान ने ‘चीन-पाकिस्तान दोस्ती जिंदाबाद’ का नारा लगा दिया।

चीनी विदेशमंत्रालय के प्रवक्ता ली जियान के इस व्यवहार से साफ जाहिर होता है कि चीन और पाकिस्तान भारत की कूटनीति के आगे हार चुके हैं और अब कश्मीर में आतंकियों को मदद कर भारत को परेशान करने का षडयंत्र कर रहे हैं। चीन और पाकिस्तान ने खालिस्तानी आतंकियों को भी सक्रिए किया है। चीन और पाकिस्तान तालिबान की मदद से पंजाब और कश्मीर में अस्थिरता की खतरनाक योजना बना रहे हैं। भारतीय खुफिया एजेंसियों को जानकारी मिली है चीन खालिस्तान और कश्मीरी आतंकी गिरोहों को आईएसआई के माध्यम से फंडिंग कर रहा है।खालिस्तानी आतंकियों को एक मिलियन यूएस डॉलर की मदद की पेशकश की गई है।

इसी सिलसिले में अमेरिका के ही हडसन थिंकटैंक ने रिपोर्ट दी है कि में अमेरिकी जमीन पर खालिस्तानी गिरोहों की सक्रियता की जानकारी के बावजूद कोई कार्रवाई न होना चिंताजनक है। ऐसा बताया जा रहा है कि इस समय अमेरिका में खालिस्तानी और कश्मीरी आतंकियों के लगभग 55 गिरोह एक साथ मिलकर भारत के खिलाफ साजिश रच रहे हैं।