वर्ल्ड कप से पहले आईसीसी ने बड़ा फैसला लिया है। 17 अक्टूबर से शुरू हो रहे टूर्नामेंट में डीआरएस का इस्तेमाल होगा। आईसीसी ने टूर्नामेंट में इसके उपयोग को मंजूरी दे दी है। पुरुषों का टी20 वर्ल्ड कप 17 अक्टूबर से 14 नवंबर के बीच खेला जाएगा। गवर्निंग काउंसिल ने पिछले साल जून में क्रिकेट के सभी प्रारूपों में मैच की प्रत्येक पारी में प्रति टीम के लिए एक अतिरिक्त डीआरएस की मंजूरी दी थी। ऐसा कोरोना वायरस के चलते मैदान पर कम अनुभवी अंपायरों की मौजूदगी को देखते हुए किया गया था। इसके बाद टी20 और वनडे में एक पारी में हरेक टीम को दो और टेस्ट में प्रति पारी तीन रिव्यू दिए जाने लगे हैं।
साथ बारिश से बाधित मैच के न्यूनतम ओवरों की संख्या भी बढ़ा दिया गया है। ग्रुप मैच में डकवर्थ एंड लुईस पद्धति से परिणाम हासिल करने के लिए दोनों टीमों को कम से कम पांच ओवर बल्लेबाजी करनी होगी। लेकिन सेमीफाइनल और फाइनल के लिए यह नियम अलग होगा। मैच के परिणाम के लिए टीम को कम से कम 10 ओवर खेलना होगा।
आईसीसी ने फील्ड अंपायर द्वारा खिलाड़ियों को आउट देने में होने वाली गलती को सुधारने के लिए डीआरएस का नियम बनाया था। अगर फील्ड अंपायर फील्डिंग कर रही टीम के खिलाड़ियों की अपील को ठुकरा देता है और कप्तान को लगता है कि यह आउट दिया जाना चाहिए था। इसके बाद कप्तान डीआरएस की मांग कर सकता है, जिसके बाद फैसला टीवी अंपायर के पास जाता है। रिप्ले देखने के बाद टीवी अंपायर यह फैसला करते हैं कि खिलाड़ी आउट है या नहीं। इसी तरह से अगर बल्लेबाजी कर रही टीम को लगता है कि अंपायर ने उसे गलत आउट दिया है तो वह भी डीआरएस की मांग कर सकता है।