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इमरान खान के विदेश मंत्री और ISI चीफ भागे-भागे पहुंचे काबुल

खत्म नहीं हो रही पाकिस्तान की तालिबानी यारी

अफगानिस्तान में तालिबानियों की वापसी के बाद से पाकिस्तान लगातार उसकी गुणगान कर रहा है, यहां तक कि दुनिया के सामने आलाप रहा है कि लोग तालिबान सरकार का समर्थन करें। यहां तक कि तालिबानियों को अफगानिस्तान में वापसी के पीछ से पाकिस्तान का बहुत बड़ा हाथ रहा है और पाकिस्तान की यह हरकत उसे ले डूबी है। आतंकियों को पालने वाले आका पाकिस्तान को FATF ने ग्रे लिस्ट में बरकरार रखा है लेकिन, इसके बाद भी पाकिस्तान की अकड़ कम होने की नाम नहीं ले रही है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री और आईएसआई चीफ तालिबानियों से मीटिंग के लिए काबुल गए हुए हैं।

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पाकिस्‍तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी गुरुवार को आईएसआई चीफ लेफ्टिनेंट जनरल फैज हामीद के साथ अफगानिस्‍तान की राजधानी काबुल पहुंचे हैं। बताया जा रहा है कि कुरैशी यहां पर तालिबान के साथ वार्ता करने के लिए आए हैं। इस दौरे को लेकर पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की ओर से जानकारी देते हुए कहा गया है कि, इस यात्रा के दौरान पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी के अन्य अफगान नेताओं से मुलाकात करेगा।

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बतता चलें कि, इससे पहले भी ISI चीफ काबुल में तालिबान के साथ अचानक मीटिंग कर चुके हैं, 4 सितंबर को लेफ्टिनेंट जनरल हमीद अचानक काबुल पहुंचे थे। तालिबान इस वक्त वैश्विक मान्यता मिलने की कोशिश कर रहा है और तालिबान के इस काम को पाकिस्तान आगे बढ़ा रहा है। इमरान खान दूनिया के उन देशों से लगातार अपील कर रहे हैं जो इस चरमपंथी सरकार को मान्यता देने से इनकार कर रही है।