दुनियाभर के कट्टरपंथियों में खलबली मची हुई है। कारण यह है कि सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाले देश इंडोनेशिया में मुस्लिम धर्म छोड़कर हिंदू धर्म में तेजी से वापसी हो रही है। इंडोनेशिया के पूर्व राष्ट्रपति सुकर्णो की बेटी सुकमावती सुकर्णोपुत्री ने इस्लाम छोड़कर हिंदू धर्म अपनाने का जब से फैसला लिया तब से ही सुर्खियों में थीं, 26 अक्टूबर 2021 को वो हिंदू पूजा में शामिल हुईं और इसके साथ ही हिंदू धर्म को अपना लिया। उनके हिंदू धर्म अपनाने के लिए बाली में सुकर्णो सेंटर हेरिटेज एरिया में एक पारंपरिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। बाली में हिंदू धर्म से जुड़े कई मंदिर हैं और दुनियाभर से लोग इसे देखने आते हैं। इस खबर से पाकिस्तान में सन्नाटा है। पाक प्रधानमंत्री इमरान खान तो इतने सदमे में हैं कि उन्होने सुकमावती के हिंदू धर्म अपनाने की खबर को पाकिस्तान में सेंसर कर दी है। पाकिस्तान के किसी भी मीडिया में सुकमावती के मुस्लिम धर्म छोड़ने और हिंदू धर्म अपनाने की खबर की एक लाइन भी न तो दिखाई गई और न छापी गई है। दरअसल, इमरान खान सहित पाकिस्तान के कठमुल्लों को डर है कि कहीं हिंदू धर्म में वापसी की शुरुआत पाकिस्तान में भी शुरू न हो जाए।
सीएनएन इंडोनेशिया की रिपोर्ट के मुताबिक सुकमावती की दादी इदा अयू नयोमान राई श्रीमबेन हिंदू बनने के इस फैसले के लिए काफी हद तक वजह बनी हैं। सुकमावती के वकील ने मीडिया के इस फैसले की जानकारी दी और कहा कि उन्हें हिंदू धर्म की काफी वृहद जानकारी है। यही नहीं सुकमावती हिंदू धर्म की सभी सिद्धांतों और परंपराओं से पूरी तरह से वाकिफ हैं। 70 साल की सुकमावत, सुकर्णो की तीसरी बेटी हैं। उनसे छोटी पूर्व राष्ट्रपति मेगावती सुकर्णोपुत्री हैं। वह इंडोनेशिया नेशनल पार्टी की संस्थापक भी हैं। उन्होंने कांजेंग गुस्ती पानगेरान अदिपति आर्या से शादी की थी लेकिन साल 1984 में उनका तलाक हो गया था।
Daughter of Indonesia's former President Sukarno, Sukmawati Sukarnoputri converted to Hinduism. pic.twitter.com/mJ85QeXPx5
— विकास त्रिपाठी (@vikasjournolko) October 26, 2021
सुकमावती पर साल 2018 में एक ऐसी कविता कहने का आरोप लगा था जिसमें इस्लाम का अपमान हुआ। इसके साथ ही इंडोनेशिया के कट्टरपंथी मुस्लिम समूहों ने उनके खिलाफ एक ईशनिंदा का केश भी दर्ज कराया था। हालांकि, इसके बाद सुकमावती ने माफी मांग ली थी। इंडोनेशिया में इस्लाम सबसे बड़ा धर्म है। यही नहीं दक्षिणपूर्वी एशियाई देश में दुनिया की सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी रहती है। इंडोनेशिया के बाली द्वीप पर बड़ी संख्या में हिंदू भी रहते हैं। यहां कई मंदिर बने हैं और रामायण का मंचन होता है।
बता दें कि सुकमावती के पिता सुकर्णो के दौर में भारत और इंडोनेशिया के संबंध काफी अच्छे थे। सुकमावती के वकील विटारियोनो रेजसोप्रोजो ने बताया कि इसका कारण उनकी दादी का धर्म है, उन्होंने यह भी कहा कि सुकमावती ने इसे लेकर काफी स्टडी की है और हिंदू धर्मशास्त्र को अच्छी तरह से पढ़ा है। बाली की यात्राओं के दौरान सुकमावती अक्सर हिंदू धार्मिक समारोहों में शामिल होती थीं और हिंदू धार्मिक हस्तियों के साथ बातचीत करती थीं।