अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के पीछे पाकिस्तान का बहुत बड़ा हाथ रहा है, पाकिस्तान ने हर वो मदद की है जो अफगानिस्तान पर कब्जा करने में तालिबानियों को जरूररत थी। यहां तक पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान विदेशी मंचों पर गुहार लगा चुके हैं कि दुनिया तालिबान को समर्थन करे। और अब इस बात का खुलासा फेसबुक ने भी किया है कि तालिबनियों की मदद पाकिस्तानी हैकरों ने की है।
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सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक के एक अधिकारी ने अपने दिए एक न्यूज कौ इंयरव्यू में कहा है कि, पाकिस्तान के हैकर्स ने तालिबान के काबुल पर अधिग्रहण के दौरान अफगनिस्तान में लोगों को टारगेट करने के लिए फेसबुक का इस्तेमाल किया था। पाकिस्तानी हैकर्स का मकसद तालिबान के खिलाफ उठ रहे आवाजों को दबाना था।
फेसबुक ने कहा कि सुरक्षा उद्योग में साइडकॉपी के नाम से जाना जाने वाला समूह मैलवेयर की मेजबानी करने वाली वेबसाइटों के लिंक साझा करता है। यह लोगों के उपकरणों का सर्वेक्षण कर सकता है। हैकर्स के निशाने पर काबुल में सरकार, सेना और कानून प्रवर्तन से जुड़े लोग शामिल थे। फेसबुक ने कहा कि उसने अगस्त में ही साइडकॉपी को अपने प्लेटफॉर्म से हटा दिया। इसके आगे फेसबुक ने कहा कि, हैकर्स के समूह ने इसके लिए महिलाओं के नाम पर अकाउंट बनाए। रोमांटिक लालच दी। यूजर से काल्बनिक बतें की। इसने वैध वेबसाइटों से भी समजौता किया तालि लोगों के फेसबुक क्रेडेंशियल्स के साथ हेराफेरी किया जा सके।
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फेसबुक, ट्विटर इंक, अल्फाबेट इंक के गूगल और माइक्रोसॉफ्ट कॉर्प के लिंक्डइन सहित प्रमुख ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और ईमेल प्रदाताओं ने कहा है कि उन्होंने अफगानिस्तान पर तालिबान के तेजी से अधिग्रहण के दौरान अफगान यूजर्स के खातों को बंद करने के लिए कदम उठाए हैं। फेसबुक जांचकर्ताओं ने कहा कि, फेसबुक पिछले महीने दो हैकिंग समूहों के खातों को निष्क्रिय कर दिया था, जिन्हें उसने सीरिया की वायु सेना की खुफिया जानकारी से जोड़ा था।