पाकिस्तान ऐसा देश है जिसे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह क्या कर रहा है और दुनिया के सामने उसकी क्या इमेज उभरकर आएगी। अक्सर विश्व में अपनी बेइज्जती करवाने वाला पाकिस्तान ने एक बार फिर से अपनी किरकिरी करवाई है और इस बार तो पाकिस्तान की चोरी पकड़ी गई है। दरअसल, पाकिस्तान इन दिनों तेजी से अपने परमाणु हथियारों का जखीरा बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। और परमाणु हथियार तैयार करने का सामान वह सीधे तरीके से नहीं बल्कि धोखे से खरीद रहा है। और उसकी यह चोरी इस बार रूच ने पकड़ी है।
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पाकिस्तान और रूस की निजी कंपनियों के बीच हैंड फुट कंटेमिनेशन इंडिकेटर की खरीद को लकेर एक समझौता हुआ था। लेकिन रूस को जब पता चला कि पाकिस्तान इन सामान का इस्तेमाल चश्मा क्षेत्र में स्थित परमाणु संयंत्र में करेगा तब वह पीछे हट गया। मीडिया में आई खबरों की माने तो, रूस की निर्यात नियंत्रण एजेंसी फेडरल सर्विस फॉर टेक्निकल एंड एक्सपोर्ट कंट्रोल (FSTEC) ने छह हैंड-फुट कंटेमिनेशन मॉनिटर का निर्याण करने के लिए लाइसेंस जारी करने से इनकार कर दिया है। ये एक ऐसा उपकरण है, जिससे बीटा-गामा किरणों के प्रभाव को मापा जा सकता है। रूस को पता चला कि पाकिस्तान ने इसी तरह का सामान यूरोप के बाजार से खरीदने की कोशिश की थी लेकिन उसे इसमें सफलता नहीं मिली। जिसके बाद पाकिस्तान ने रूस का रुख किया।
पाकिस्तान काफी समय से यूरोप की निजी कंपनियों से ऐसा समान खरीदता आया है लेकिन यहां नियम काफी सख्त लहो गए जिसके बाद चांज बढ़ा दी गई है। इसके बाद पाकिस्तान ने अपने परमाणु हथियार बढ़ाने के लिए रूस के बाजारों का रुख किया। रिपोर्ट की माने तो पाकिस्तान परमाणु हथियार से जुड़ा सामान खरीदने के लिए किसी एक देश के अपने और दूसरे देशों के साथ रिश्ते को ध्यान में रखता है।
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पाकिस्तान वैज्ञानिक रिसर्च या किसी और बहाने से सामान खरीदता है लेकिन फिर उसका इस्तेमाल परमाणु हथियार बनाने के लिए करता है। रूस से पहले अमेरिका ने भी पाकिस्तान की चोरी पकड़ी थी। जिसमें पांच लोग पकड़े गए थे, जो रावलपिंडी स्थित कंपनी से जुड़े थे। इसके अलावा जर्मनी ने भी पाक की चोरी पकड़ी थी।