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Pakistan ने दिया China को बड़ा झटका- अब दुश्मनी में बदलेगी दोनों की दोस्ती

चीन को मिला अपने ही खास दोस्त पाकिस्तान से बड़ा झटका

पाकिस्तान का सदाबहार दोस्त चीन इन दिनों पाकिस्तान में अपनी कई सारी योजनाओं पर काम कर रहा है। चीन की जो योजना है वो आने वाले समय में पाकिस्तान की गर्दन मुट्ठी में करने की है। क्योंकि पाकिस्तान में जिस तरह से चीन निवेश कर रहा है और अपनी पकड़ मजबुत कर रहा है उसे देखते हुए लगता है कि आने वाले समय में पाकिस्तान के अर्थव्यवस्था की चाभी ड्रैगन के हाथों में होगी। लेकिन अब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की ना सही लेकिन आवाम की आंखें खुलने लगी है और इस वक्त पाकिस्तान के ग्वादर में CPEC के खिलाफ लोग सड़कों पर उतर आए हैं और जबर्दस्त विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

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पाकिस्तान के बंदरगाह शहर ग्वादर में अनावश्यक चौकियों, पानी एवं बिजली की भारी किल्लत, अवैध मात्स्यिकी से आजीविका पर खतरे और चीन की अरबों डॉलर की बेल्ट एवं रोड परियोजना की मुखालफत के चलते व्यापक प्रदर्शन हो रहे हैं। कुछ राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता, नागरिक अधिकार कार्यकर्ता और इन विषयों से सरोकार रखने वाले लोग पिछले एक सप्ताह से ग्वादर में पोर्ट रोड के वाई चौक पर प्रदर्शन के लिए जुट रहे हैं। इससे पहले भी कई बार प्रदर्शन हुए और लोगों ने अपनी तलीफ सरकार को सुनानी चाही लेकिन इमरान खान अपने दोस्त चीन की सुनती रहे और जनता को अनसुना कर दिया।

ग्वादर पाकिस्तान के अशांत दक्षिण पश्चिमी बलूचिस्तान प्रांत का तटीय शहर है। मीडिया में आ रही खबरों की माने तो, प्रदर्शनकारियों ने अनाश्यक सुरक्षा चौकियां हटाने, पेयजल एवं बिजली उपलब्ध कराने, मकरान तट से मछली पकड़ने वाली बड़ी यांत्रिक नौकाएं हटाने और पंजगुर से ग्वादर तक ईरान सीमा खोलने की मांग की है। गिव राइट्टस टू ग्वादर रैली के प्रमुख मौलाना हिदायत उर रहमान का कहना है कि प्रदर्शन तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार उनकी मांगों को मान नहीं लेती।

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इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, सरकार इस क्षेत्र के लोगों की समस्याओं के समाधान के प्रति ईमानदार नहीं है। माटी के लाल के लिए यह अपमानजनक है कि चौकियों पर उन्हें रोका जाए एवं उनसे उनके ठिकानों के बारे में पूछा जाए। बता दें कि, ग्वादर बंदरगाह 60 अरब डॉलर की चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा परियोजना (सीपीईसी) का अहम हिस्सा है।