ईरान और इजरायल के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। इस बीच लाल सागर में इजरायल, यूएई और बहरीन की नौसेना अमेरिकी युद्धपोत के साथ युद्धाअभ्यास किया। एक महीने पहले इजरायल के शहर इलियट में वायु सेना ने भी वॉर-गेम का आयोजन किया जिसमें इजरायल और सात अन्य देशों के लड़ाकू विमानों को आसमान में गरजते हुए देखा गया। एक्सपर्ट का मनना है कि ईरान को खुली चुनौती देने जैसी थी। ये सभी घटना ऐसे समय पर सामने आ रहे हैं, जब इजरायल में कई लोगों को इस बात का डर सता रहा है कि कहीं देश को खुद ही सैन्य तरीके से ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर हमला न करना पड़ जाए।
इजरायली सरकार ने ईरान के न्यूक्लियर साइट्स के खिलाफ संभावित हमले के लिए इजरायली सशस्त्र बलों को तैयार करने के लिए 1.5 बिलियन डॉलर का आवंटन किया है। इसके अलावा, देश में हर दिन नेताओं और सैन्य अधिकारियों की तरफ से हर दिन हमले की चेतावनी दी जा रही है। विश्लेकों का कहना है कि इजरायल की ईरान के साथ युद्ध का कोई इरादा नहीं है, लेकिन वह ईरान को परमाणु हथियार हासिल नहीं करने देगा।
दुनिया की वैश्विक शक्तियों को ईरान पर बिल्कुल भी भरोसा नहीं है। कुछ देशों को लगता है कि ईरान परमाणु हथियार इसलिए चाहता है, क्योंकि वह परमाणु बम बनाना चाहता है। हालांकि, ईरान ने ऐसा करने से इनकार किया। 2015 में ईरान और छह अन्य देशों ने ईरान के साथ एक समझौता किया। इसके तहत ईरान को अपने कुछ परमाणु गतिविधियों को रोकना था और उस पर लगे कड़े प्रतिबंधों में ढील दी गई। लेकिन जैसे ही अमेरिका इस समझौते से बाहर हुआ, ईरान ने एक बार फिर परमाणु कार्यक्रम में तेजी लाना शुरू कर दिया। हालांकि, जो बाइडेन प्रशासन ने कहा है कि वह फिर से समझौते में शामिल होंगे।