इस वक्त कई देशों के हालात ठीक नहीं है, वहां पर युद्ध जैसा माहौल बना हुआ है। इधर चाइना लगातार ताइवान पर कब्जा करने के लिए पूरा जोर लगा दिया है। इसके असाला रूस और यूक्रेन में युद्ध के हालात बने हुए हैं, यूक्रेन की सीमा पर रूस ने 90 हजार सैनिकों की आधुनिक हथियारों, तोपों संग तैनाती कर दी है। और अब एक देश के प्रधानमंत्री खुद युद्ध के मैदन में उतर गए हैं और देश की कमान उप प्रधानमंत्री के हाथों सौप गए हैं।
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दरअसल, यह कोई और नहीं बल्कि इथियोपिया है। इथियोपिया की सरकार ने कहा है कि, प्रधानमंत्री अबी अहमद देश के सालभर चलने वाले युद्ध की कमान संभालने के लिए युद्ध के मैदान में गए हैं और देश को चलाने से जुड़े दैनिक कामकाज का दायित्व उपप्रधानमंत्री को सौंप गए हैं। सरकार के प्रवक्ता लेगेसे तुलु ने संवाददाताओं को बताया कि प्रधानमंत्री मंगलवार को युद्ध क्षेत्र में पहुंचे हैं, हालांकि उन्होंने उनके ठिकाने का विवरण नहीं दिया है। उन्होंने बताया कि उप प्रधानमंत्री देमेके मेकोन्नेन दिन-प्रतिदिन के सरकारी कामकाज को देख रहे हैं।
बता दें कि, अफ्रीक के दूसरे सबसे अधिक आबादी वाले देश में युद्ध में हजारों लोगों की जान चली गई है। फ्रांस, जर्मनी और तुर्की सहित कई देशों ने अपने नागरिकों से कहा है कि वे तत्काल इथियोपिया छोड़ दें क्योंकि उत्तरी तिग्रे क्षेत्र से प्रतिद्वंद्वी लड़ाके राजधानी अदीस अबाबा की ओर बढ़ रहे हैं। एक अमेरिकी दूत ने बताया कि उसे डर है कि दोनों पक्षों के बीच मध्यस्थता के प्रयासों में हुई मामलू प्रगति चिंताजनक गति से बढ़ती सैन्य गतिविधियों के बीच पीछे छूट सकती है।
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इथियोपिया के प्रधानमंत्री अबी अहमद की सरकार और तिग्रे के विद्रोहियों के बीच महीनों का राजनीतिक तनाव पिछले नवंबर को युद्ध में बदल गया था। तिग्रे नेताओं का इथियोपिया की सरकार में कभी दबदबा रहा है। इससे करीब तीन हफ्ते पहले खबर आई थी कि तिग्रे क्षेत्र पर कब्जे के बाद वहां आतंक मचाने वाले विद्रोहियों ने रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण दो शहरों देस्सी और कॉमबॉलचा पर भी कब्जा कर लिया है। जिसके बाद इन्होंने राजधानी अदीस अबाबा की तरफ बढ़ना शुरू कर दिया।