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अंदर ही अंदर जल रहा है पाकिस्तान- अब-तब लगी है इमरान सरकार

अब-तब लगी है इमरान सरकार

पाकिस्तान (Pakistan Politics) में इस वक्त सब कुछ ठीक है यह कहना सही नहीं होगा। क्योंकि, देश में इस वक्त प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) की सरकार की अब-तब लगी हुई है। पाकिस्तान में महंगाई (Inflation in Pakistan) अपने चरम पर है, आवाम सरकार से जहां राहत की उम्मीद कर रही है तो वहीं हाल ही में इमरान सरकार ने बिजली के दामों में वृद्धि कर जनता को बड़ा झटका दिया है। पाकिस्तान में सिर्फ बिजली ही नहीं बल्कि पेट्रोल और डीजल (Petrol-Diesel Hike in Pakistan) के दामों में भी लगातार वृद्धि हो रही है, पेट्रोल के दाम तो लगभग 150 रुपए प्रति लीटर पहुंचने वाले हैं। इन सबके अलावा नए आईएसआई चीफ को लेकर सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा संग शुरू हुई तकरार आईएसआई चीफ की नियुक्ति के बाद भी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है और ऐसे में अब माना जा रहा है कि पाकिस्तान की सत्ता में कभी भी परिवर्तन हो सकता है।

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महंगाई की मार खा रही पाकिस्तानी आवाम

सबसे पहले पाकिस्तान में महंगाई  (Inflation in Pakistan) की बात करेंगे। इस वक्त देश में आटा, चावल, दाल, के साथ लगभग हर खाने वाली चीजों की कीमतों में आग लगी हुई है। आटा को लेकर तो खबरें यह भी आई थी कि इसके दाम लगभग 200 रुपए प्रति किलो हो गए हैं। वहीं, खाने वाले तेल की कीमतों में भी पेट्रोल-डीजल की ही तरह आग लगी हुई है। महंगाई के पीछे इमरान खान सरकार का तर्क है कि कोरोना के चलते पूरी दुनिया का यही हाल है तो पाकिस्तान की जनता को भी यह मानना पड़ेगा की महंगाई यहीं नहीं बल्कि पूरी दुनिया झेल रही है। अब इमरान खान की रैली हो और उसमें भारत का नाम आए न ऐसा हो ही नहीं सकता। पिछले दिनों इमरान खान का एक वीडियो सामने आया था जिसमें वो जनता को यह बता रहे थे कि पाकिस्तान में तो पेट्रोल की कीमतें काफी कम है, भारत में पेट्रोल के दाम 250 रुपए प्रति लीटर से ज्यादा है जबकि, भारत में पेट्रोल 100 रुपए से भी नीचे आ गया है। लेकिन इमरान खान अपनी ही आवाम के सामने झूठ बोलने से बाज नहीं आ रहे हैं। पाकिस्तान में इस वक्त बिजली, राशन, पेट्रोल-डीजल और भी कई चीजों के लिए जनता मार झेल रही है।

इमरान खान और सेना प्रमुख बाजवा संग तकरार

पाकिस्तान की सत्ता में सबसे बड़ा परिवर्तन का कारण इमरान खान और सेना प्रमुख बाजवा (Imran Khan and Bajwa Conflict) संग तकरार भी है। यह बात तो हर कोई जानता है कि पाकिस्तान की सत्ता का रास्ता सेना से होकर जाता है, देश में प्रधानमंत्री से भी ज्यादा पावर पाकिस्तान के सेना प्रमुख के पास होता है। और यहां पर मामला देश की खुफिया एजेंसी आईएसआई के नए प्रमुख को लेकर है, जिसके लिए नियुक्ति से पहले ही बाजवा ने लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अंजुम (Nadeem Anjum and Faiz Hameed) का नाम नए ISI प्रमुख के लिए घोषणा कर दी थी। लेकिन इमरान खान चाहते थे कि, इस पद पर फैज हामिद ही बने रहे, ऐसा इसलिए क्योंकि हामीद प्रधानमंत्री के बेहद करीबी माने जाते हैं यहां तक कि काबुल में तालिबानी नेताओं संग बातचीत और अपने मन मुताबिक अफगानिस्तान की सत्ता में तालिबान के नेताओं को बैठाने की भूमिका भी फैज हामिद (Faiz Hameed) की ही रही है।

TLP और इमरान सरकार का समझौता

पाकिस्तान में कुछ दिनों पहले जमकर प्रोटेस्ट हो रहा था और ये प्रोटेस्ट प्रतिबंधित तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) के प्रमुख साद हुसैन (Saad Hussain Rizvi) की रिहाई को लेकर प्रदर्शन हो रहा था जिसके आगे इमरान सरकार झुक गई है। टीएलपी के प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान में जमकर हिंसक हंगामा किया जिसके चलते देश के अरबों रुपये का नुकसान हुआ और अंत में इमरान सरकार और टीएलपी के बीच समझौता करना ही पड़ गया। साद हुसैन रिजवी के समर्थक कई बार पूरे पाकिस्तान को अपनी हिंसा की आग में जला चुके हैं। अप्रैल में पाकिस्तान सरकार ने टीएलपी को प्रतिबंधित कर दिया था, जिसके बाद हिंसा के आरोप में सैकड़ों कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया था लेकिन, समझौते के बाद सरकार ने सभी दंगाईयों पर से केस वापस ले लिया और साथ ही पार्टी पर लगाए गए सारे प्रतिबंध हटा लिए। यानी अब पाकिस्तान के अगले चुनाव में इमरान खान के सामने टीएलपी एक बड़ी पार्टी के रूप में टक्कर दे सकती है।

पाकिस्तान में चीन का विरोध

पाकिस्तान में इन दिनों चीन (China) अपनी पकड़ मजबूत करते जा रहा है और आने वाले समय में इसी चीन के हाथ में पाकिस्तान के आर्थिक व्यवस्था की चाभी होगी। चीन इस वक्त पाकिस्तान में अपने बेल्ट एवं रोड परियोजना (China Belt and Road Initiative) पर तेजी से काम कर रहा है। लेकिन इसे लेकर वहां की जनता को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है जिसे इमरान सरकार अब तक नजरअंदाज करती रही है। लेकिन अब धीरे-धीरे वहां के लोगों का प्रदर्शन (Protest Against China in Pakistan) बढ़ने लगा है। चीन इस वक्त पाकिस्तान के ग्वादर शहर में बंदरगाह बना रहा है और इसकी वजह से वहां के लोगों को बिजली की भारी किल्लत है इसके अलावा भी कई और परेशानियों का ये लोग सामना कर रहे हैं। लेकिन इन दिनों चीन के खिलाफ यहां के लोगों ने आवाज उठाना शुरू कर दिए हैं और सरकार से इस परियोजना को रोकने की गुहार या फिर कोई और रास्ता निकालने के लिए कह रहे हैं।

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पाकिस्तान को लेकर यह कहा जा सकता है कि इमरान खान सरकार के सामने कई बड़ी चुनौतियां हैं और वो दिन भी दूर नहीं है जब जल्द ही पाकिस्तान सरकार में सत्ता परिवर्तन होते देखा जाएगा। क्योंकि, देश में आर्थिक तंगी की वजह एक यह भी कि पाकिस्तान को FATF ने ब्लैक लिस्ट में बरकरार रखा है जिसके चलते इमरान खान सरकार विश्व बैंक से पैसे नहीं ले सकती है। ऐसे आने वाले दिनों में देखने वाली बात होगी कि पाकिस्तान की सत्ता में क्या बदलाव होता है, इमरान खान बने रहेंगे या फिर किसी और के हाथ में सत्ता की बागडोर होगी।