भारत और चीन के बीच रिश्ते बेहद नाजुक मोड़ पर हैं। खुद विदेश मंत्री जयशंकर कह चुके हैं कि भारत-चीन के बीच फिलहाल रिश्ते ठीक नहीं हैं। इस बीच देश के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत के बायन से चीन को मिर्ची लग गई है। सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने चीन को सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया था। इसके बाद चीन ने टिप्पणी पर भारत के समक्ष आपत्ति दर्ज कराई है।
चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता सीनियर कर्नल वू कियान ने इस बयान को गैर-जिम्मेदाराना और खतरनाक बताया है। उन्होंने ये भी कहा कि ऐसे बयानों के चलते भू-राजनीतिक टकराव को बढ़ावा मिल सकता है। रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट पर पोस्ट किए गए विवरण के अनुसार कर्नल वू हाल में जनरल रावत की कथित टिप्पणियों पर एक सवाल का जवाब दे रहे थे, जिसमें कहा गया था कि भारत के लिए सबसे बड़ा सुरक्षा खतरा चीन है। भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को सुलझाने में ‘भरोसे’ की कमी है और ‘संदेह’ बढ़ता जा रहा है। इस पर चीन की क्या टिप्पणी है?
बता दें कि जनरल रावत ने हाल ही में कहा था कि भारत के लिए सबसे बड़ा सुरक्षा खतरा चीन से है। भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को सुलझाने में विश्वास की कमी है और संदेह बढ़ता जा रहा है। पिछले साल 15 जून को गलवान घाटी में भारत और चीन की सेनाओं के बीच हिंसक टकराव के बाद तनाव काफी बढ़ गया। तब से तनाव घटाने और विवादित क्षेत्रों से सैनिकों को पीछे हटाने को लेकर दोनों देशों के बीच सैन्य और राजनयिक स्तर की कई वार्ता हो चुकी है, लेकिन जून 2020 से पहले वाली स्थिति अभी बहाल नहीं हो पाई है। इसके लिए सीधे तौर पर चीन ही दोषी है, क्योंकि वो हर बार कुछ न कुछ ऐसा कर देता है कि तनाव कम होने के बजाये बढ़ जाता है।