दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर होने वाली 40 किसान संगठनों की बैठक रद्द हो गई है। माना जा रहा है कि किसानों के बीच अब मतभेद होने शुरू हो गए हैं। हालांकि, किसान नेता राकेश टिकैत का कहना है कि जब तक सरकार किसानों की मांगे नहीं मानती, आंदोलन जारी रहेगा।
कहा जा रहा है कि, संसद सत्र में कृषि कानून वापस होने के बाद आंदोलन की नई रणनीति को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा की यह बैठक होनी थी। इस बैठक के रद्द होने के बाद राकेश टिकैत का कहना है कि अब यह बैठक 4 दिसंबर को होगी। आज की बैठक किसान संगठनों के बीच है, हमारा आंदोलन तभी खत्म होगा, जब हमारी मांगे पूरी कर दी जाएंगे।
अपनी मांगों को दोहराते हुए टिकैत ने कहा कि, 50-55 हजार मुकदमे जो आंदोलन के दौरान दर्ज हुए हैं, वे वापस लिए जाएं। MSP गारंटी कानून बने, जिन किसानों की जान गंवाई है उन्हे मुआवजा मिले। जो ट्रैक्टर बांद हैं उन्हें ट्रैक्टर दिए जाएँ। अब ये हमारे मुख्य मद्दे हैं। सरकार को बातचीत करनी चाहिए।
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उधर किसान नेता दर्शनपाल सिंह ने बैठ रद्द होने पर सफाई दी है। उन्होंने कहा कि, आज 32 किसान संगठन और वे लोग जो सरकार के साथ बातचीत के लिए जाते थे, उनकी बैठक बुलाई गई है। गलती से घोषणा हो गई कि संयुक्त किसान मोर्चे की बैठक है। हमाले लोगों के खिलाफ दर्ज मामलों, MSP की कमेटी के मुद्दे पर चर्चा होगी।