चीन के पास दुनिया की सबसे बड़ी सेना है। बावजूद इसके चीन 3 लाख नए सैनिकों की भर्ती करने जा रहा है। आशंका है कि नई भर्ती से बॉर्डर पर जंग शुरू करने की तैयारी की जा रही है। क्योंकि चीन के पास सैन्य संसाधनों की कम नहीं है। ऐसे में अगर 3 लाख सैनिकों की जरूरत पड़ रही है तो इसका मतलब ये हुआ कि तैयारी बहुत बड़ी है। दावा किया जा रहा है कि 3 लाख सैनिकों की भर्ती बॉर्डर पर चीन की ताकत बढ़ाने के लिए होगी। अगर बॉर्डर पर 3 लाख नए चीनी सैनिकों की तैनाती के दावे पर यकीन करें तो ये एक बड़ा खतरा है और ये खतरा सीधे तौर पर भारत के लिए है।
रिपोर्ट के मुताबिक चीन तीन लाख सैनिकों को सुपर सोल्जर की तरह तैयार करेगा और उनका इस्तेमाल जंग के दौरान करेगा। शी जिनपिंग ने सेना के अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा- 'लड़ना और जीतना सेना का पहला और आखिरी लक्ष्य होना चाहिए। साल 2027 में पीपल्स लिबरेशन आर्मी का शताब्दी समारोह होगा और तब तक हमें अपने निर्धारित लक्ष्य पूरे करने होंगे। लक्ष्य को पूरा करने के लिए नई प्रतिभाओं की जरूरत है।' आखिर शी जिनपिंग ने 2027 तक के लिए ऐसे क्या लक्ष्य तय किए हैं, जिसके लिए उन्हें भारी भरकम फौज की जरूरत होगी।
रक्षा विशेषज्ञ मानते हैं कि हो सकता है चीन 2027 तक उन इलाकों पर कब्जा करने के लिए जंग करे, जिसपर वो अपना दावा जताता है। यानी 2027 तक चीन भारत के खिलाफ युद्ध शुरू कर सकता है?' शी जिनपिंग का जोर ना सिर्फ नये सैनिकों की भर्ती पर है, बल्कि उन्हें आधुनिक तरीके से लड़े जाने वाले युद्ध के लिए तैयार करने में भी है। डोकलाम की जंग के बाद से चीन की सरकार अपनी सेना को ज्यादा मजबूत बनाने में जुटी हुई है। डोकलाम में मुंह की खाने के बाद भी चीन की सेना ने लद्दाख से लेकर सिक्किम, उत्तराखंड और अरुणाचल प्रदेश में घुसपैठ की कई बार कोशिश की, लेकिन हर बार ये कोशिश नाकाम रही।
भारत का रक्षा बजट 4 लाख 78 हजार करोड़ रुपये है तो चीन का बजट 15 लाख 74 हज़ार करोड़ रुपये है, यानी भारत के रक्षा बजट के चीन का रक्षा बजट तीन गुने से भी ज्यादा है।
एक्टिव सैनिकों की तुलना करें तो भारत के पास 14 लाख 45 हजार सैनिक हैं और चीन के पास 21 लाख 85 हजार सैनिक हैं।
भारत के पास 2119 एयरक्राफ्ट हैं और चीन के पास 3260 एयरक्राफ्ट है।
फाइटर एयरक्राफ्ट की बात करें तो भारत के पास 542 हैं और चीन के पास 1200 हैं। भारत के पास 775 हेलीकॉप्टर हैं और चीन के पास 902 हेलीकॉप्टर हैं।
भारत के पास टैंकों की संख्या 4730 है और चीन के पास 3205 यानी यहां पर चीन से भारत आगे है।
भारत के पास 1 एयरक्राफ्ट कैरियर है और चीन के पास 2 है।
सबमरीन की बात करें तो भारत के पास 17 सबमरीन हैं और चीन के पास 79 सबमरीन मौजूद हैं।