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CDS रावत की शहादत पर’जिहादियों का जश्न’ दुखी मलयालम फिल्म डायरेक्टर अली अकबर ने उठाया ये बड़ा कदम, देखें रिपोर्ट

साउथ के फिल्म डायरेक्टर अली अकबर ने इस्लाम छोड़ा Image Courtesy: Google

शिया वक्फ बोर्ड पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी के बाद अब फिल्म इंडस्ट्रीज के जाने-माने नाम अली अकबर ने भी इस्लाम को त्याग दिया है। यूं तो कट्टरपंथी इस्लाम के खिलाफ चल रही विश्व व्यापी लहर के बीच इंडोनेशिया के राजकुमारी सुकर्णो के अलावा तमाम बड़ी हस्तियां इस्लाम छोड़कर सनातन धर्म अपना रहे हैं। शिया वक्फ बोर्ड के वसीम रिजवी ने एनसीआर के डासना में विधिवत वेदिक ऋचाओं के साथ यज्ञ करते हुए सनातन धर्म में प्रवेश किया। इसके अलावा साउथ इंडियन फिल्मों के बड़े निर्माताओं में से एक अली अकबर ने इस्लाम छोड़ दिया है।

अली अकबर सीडीएस जनरल रावत के असमय निधन पर कुछ लोगों के जश्न मनाए जाने से क्षुब्ध अली अकबर ने कहा जिस संप्रदाय के लोग अपने सेनापति के निधन पर जश्न मनाते हों उस संप्रदाय में रहना मुमकिन नहीं है। ध्यान रहे, अली अकबर साउथ इंडिया खास कर केरल में भाजपा का चेहरा हैं। संगठन नेतृत्व के रवैये से दुखी होकर उन्होंने सभी जिम्मेदारियों से इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफा देते समय अली अकबर ने कहा था कि वो बीजेपी के सदस्य हैं और रहेंगे संगठन की जिम्मेदारियों से इस्तीफा वो किसी खास वजह से दे रहे हैं।

 अली अकबर अभी मालाबार विद्रोह पर आधारित एक फिल्म पर काम कर रहे हैं। उत्तरी केरल में 1921 में हुए मालाबार विद्रोह को मोपला दंगे के नाम भी जाना जाता है। इस दंगे की सच्चाई को वो भारत की जनता के सामने रखने जा रहे हैं। अली अकबर बीजेपी के एक अन्य पदाधिकारी नजीर के खिलाफ कार्रवाई से दुखी थे। नजीर पर आरोप था कि वो पार्टी के बैनर के तले धन इकट्ठा कर रहे हैं और उसका उपयोग निजी हित में कर रहे हैं।

अली अकबर ने केंद्रीय नेतृत्व से कहा था कि नजीर को चेतावनी देकर छोड़ा जा सकता है। नजीर के खिलाफ कार्रवाई से दक्षिणी भारत में बीजेपी के समर्थक अल्प संख्यकों में निराशा फैल सकती है। अली अकबर ने अपनी फेस बुक पोस्ट पर लिखा था कि वो बीजेपी सदस्य हैं और रहेंगे। उन्हें दक्षिण भारत के मुसलमानों के बीच संघी कहा जाता है। जिसे वे गर्व से स्वीकार करते हैं लेकिन अपने ही लोगों के बीच अपनों लोगों के दुर्व्यवहार विरोध को समझना मुश्किल है।  

 

अली अकबर सीएए विरोधी प्रदर्शनों के दौरान केंद्र सरकार की नीतियों के साथ चट्टान की तरह खड़े रहे हैं। वो ऐसे मुसलमानों का सख्त विरोध करते हैं जो राष्ट्रद्रोही गतिविधियों में शामिल रहते हैं। जनरल रावत के निधन पर कुछ लोगों के जश्न के बाद अली अकबर ने इस्तीफा देकर एक बार फिर साबित किया है कि उनके लिए राष्ट्र सबसे पहले है। ऐसा माना जा रहा है कि अली अकबर के बाद साउथ इंडिया के कुछ और बड़े मुस्लिम चेहरे इस्लाम छोड़ने का ऐलान कर सकते हैं।