पाकिस्तान में इस वक्त इमरान सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी चल रही है। बलोचिस्तान के ग्वादर में लोग अपने अधिकारों की मांग के लिए आंदोलन कर रहे हैं और हर दिन इस आंदोन में लोगों की भागीदारी बढ़ती जा रही है। इस विरोध-प्रदर्शन में अब महिलाएं और बच्चे भी भाग ले रहे हैं। हजारों की संख्या में लोगों की मार्च से निकली 'ग्वादर को हक दो' की गूंज से इमरान सरकार दहल गई है।
जमात-ए-इस्लामी के बलोचिस्तान महासचिव मौलाना हिदायत-उर-रहमान के नेतृत्व में ग्वादर के लोगों ने 26 दिन पहले 'ग्वादर को हक दो' आंदोलन शुरू किया था। 10 दिसंबर को महिलाओं और बच्चों सहित हजारों लोगों ने ग्वादर की मुख्य सड़कों पर मार्च निकाला है। अपनी मांगों के समर्थन में लोगों ने तख्तियां और बैनर लेकर सेरातुन-नबी चौक से अपना मार्च शुरू किया। लोगों ने बलोचिस्तान और पाकिस्तान सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की है। प्रदर्शन कर रहे लोगों की 19 मांगें है जिसमें, समुद्र को ट्रॉलर माफिया से मुक्त करने के लिए कदम उठाना और मझुआरों को स्वतंत्र रूप से पानी में जाने की इजाजत देना शामिल है। इसके साथ ही चाइना ओवरसीज पोर्ट होल्डिंग कंपनी द्वारा नियोजित अधिकांस लोग ग्वादर के बाहर के हैं जिसे लेकर प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि ऐसे में स्थानी लोगों को प्राथमिकता दी जाए।
मौलाना हिदायत ने कहा है कि यह आंदोलन बलोचिस्तान के वंचित और उत्पीड़ित लोगों का आंदोलन है जिसमें मछुआरे, गरीब मजदूर और छात्र शामिल हैं। आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक कि उनकी सभी मांगों को स्वीकार और लागू नहीं किया जाता है। ग्वादर में हजारों बलो अपने हक के लिए 26 दिनों से विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं, ये लोग ग्वादर के विकास के साथ साफ पानी की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि, 70 साल से अधिक बीत जाने कबाद भी हमें हमारे अधिकार नहीं दिए हैं।