बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी लगातार विवादित बयान देने के लिए जाने जाते हैं और अब उन्होंने एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। जीतन राम मांझी ने एक कार्यक्रम में पंडितों के लिए अपशब्द का इस्तेमाल किया है। दरअसल, शनिवार को पटना में भुइयां मुसहर सम्मेलन का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में जीतन राम मांझी मुख्य अतिथि थे। कार्यक्रम में मांझी धर्म के नाम पर हो रही राजनीति के मुद्दा को लेकर लोगों को संबोधित कर रहे थे। अपना भाषण देते-देते उन्होंने पंडितों के लिए अमर्यादित शब्द का प्रयोग किया।
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कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए मांझी ने कहा, 'आजकल गरीब तबके के लोगों में धर्म की परायणता ज्यादा आ रही है। सत्यनारायण पूजा का नाम हम लोग नहीं जानते थे। अब हर टोला में हम लोगों के यहां सत्यनारायण भगवान की पूजा होती है। इतनी भी शर्म लाज नहीं लगती है कि पंडित आते हैं और कहते हैं कि बाबू कुछ नहीं खाएंगे आपके यहां, बस कुछ नगदी दे दीजिए।' भगवान राम को लेकर भी मांझी ने अपना विचार रखा।
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने पंडितों को लेकर विवादित बयान दिया है। पटना में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने पंडितों के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल किया। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। pic.twitter.com/VGIYoB65Pg
— Hindustan (@Live_Hindustan) December 19, 2021
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जीतन राम मांझी ने कहा कि 'राम को हम नहीं मानते हैं, वो आदमी नहीं था। काल्पनिक है वो। पूजवा रहा है हमसे। हमलोग मूर्ति पूजते हैं। पीढ़ी पूजते हैं। आस्था वो है? हम उसी को भगवान मान जाएं? उसी प्रकार से राम कोई भगवान नहीं है। वो उसके नाम पर…ठीक है रामायण लिखी गई है। रामायण में बहुत सी ऐसी उक्तियां हैं, जो पढ़ने योग्य है। समझने योग्य है। लेकिन राम भगवान थे, ये मानने को हम तैयार नहीं थे। बयान को लेकर विवाद बढ़ने के बाद जीतन राम मांझी ने सफाई दी और कहा उन्होंने ब्राह्मणों के लिए कोई अपशब्द नहीं कहा है। अगर ब्राह्मण समाज को मेरे बयान से ठेस पहुंची है तो मैं माफी मांगता हूं। जीतन राम मांझी ने कहा कि उस शब्द का प्रयोग उन्होंने अपने समाज के लोगों के लिए किया था कि हमारे समाज के लोग ऐसे लोगों से पूजा करा रहे हैं जो हमारे यहां खाना खाने तक पसंद तक नहीं करते हैं।