प्रधानमंत्री की सुरक्षा को लेकर जो पंजाब पुलिस से चूक हुई उपसर राजनीति करना बेहद ही शर्म की बात है। देश के प्रधानमंत्री के काफिला करीब 15-20 मिनट तक रुका रहा और इसपर विपक्ष राजनीति कर रही है। अब इसमें एक नया मोड़ सामने आया है। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के 50 से अधिक वकीलों को इंटरनेशनल नंबर से कॉल कर दावा किया गया है कि, प्रदानमंत्री की सुरक्षा के लिए वह जिम्मेदार हैं। फोन करने वालों ने खुद को सिख फॉर जस्टिस से जुड़ा होने का दावा किया है। सबसे बड़ी बात यह कि यह कॉल सुप्रीम कोर्ट के सभी AOR (Advocate on Record) वकीलों के फोन पर किया गया है।
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वैसे जो खुलासे हुए हैं उसके आधार पर यह कहना गलत नहीं होगा की इसमें कहीं न कहीं विपक्ष संलिप्त है। दरअसल, अब यह सवाल बनने लगे हैं कि कहीं, ऐसा तो नहीं पंजाब में कांग्रेस की कठपुतली सरकार चरणजीत सिंह चन्नी और उनकी पुलिस की साजिश तो नहीं थी। ऐसा इसलिए क्योंकि, अब जो खुलासा हुआ है उसमें ये बताया गया है कि पंजाब पुलिस को पहले से ही प्रदर्शनकारियों के बारे में खुफिया जानकारी थी। लेकिन इसके बाद भी उन्होंने 'ब्लू बुक' के नियमों का पालन नहीं किया और न ही दूसरे रूट की तैयारी की। स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप यानी SPG की ब्लू बुक में प्रधानमंत्री की सुरक्षा संबंधी दिशानिर्देश होते हैंय़
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वही, सिख फॉर जस्टिस ने फोन कर सुप्रीम कोर्ट से सुरक्षा चूक से जुड़ी याचिका पर सुनवाई से दूर रहने को कहा गया है। कॉल प्राप्त करने वाले सुप्रीम कोर्ट के AOR ने बताया कि हैरानी की बात यह है कि उन्हें यूके से एक कॉल आया। उन्होंने बताया की फोन करने वाले ने कहा कि वो पीएम के काफिले को ब्लॉक करने की जिम्मेदारी लेता है। उसने कहा कि, सुप्रीम कोर्ट 1984 में सिखों की हत्या के लिए जिम्मेदार एक भी अपराधी नहीं मिला है, ऐसे में सुप्रीम कोर्ट को याचिका पर सुनवाई नहीं करनी चाहिए। ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी वकील को सिख फॉर जस्टिस के सदस्य का फोन आया है। इस तरह के कॉल ये फत्रकारों को करते रहे हैं।