बलोच आजादी के लड़ाकों से सहमी पाकिस्तानी सेना पर पर टीटीपी का कहर टूट पड़ा है। खैबर पख्तूनख्वाह के कुर्रम में टीटीपी ने पाकिस्तानी सेना पर बड़ा हमला कर भारी नुकसान पहुंचाया है। इस हमले में कई पाकिस्तानी फौजी मारे गए हैं, लेकिन डीजीआईएसपीआर ने सिर्फ पांच फौजियों के मारे जाने की बात कबूल की है।
डीजीआईएसपीआर के इस दावे पर सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्यों कि बलोच लड़ाको के हमले में एक मेजर जनरल एक ब्रिगेडियर और कई कर्नल और मेजर रैंक के अफसरों और सिपाहियों सहित लगभग 200 फौजी मारे गए लेकिन पाकिस्तानी आर्मी, डीजीआईएसपीआर और पाकिस्तानी सरकार मारे गए फौजियों के बारे में अलग-अलग आंकड़े पेश करती रही है।
बलोच लड़ाकों ने पाकिस्तान सेना के चार गनशिप हेलिकॉप्टरों कई बख्तरबंद गाड़ियों को नेस्तनाबूद करने के साथ ही मारे फौजियों के फोटो भी जारी किए थे। जो पाकिस्तानी दावों की पोल भी खोलती है। चूंकि पाकिस्तान ने नुश्की और पंजगौर के आकंड़ों को छुपाया है इसलिए ऐसी आशंका जताई जा रही है कि टीटीपी हमले में हुए नुकसान को भी पाकिस्तान ने छुपाया हो सकता है।
पाकिस्तानी सेना ने रविवार को एक बयान में कहा कि अंतरराष्ट्रीय सीमा के पार अफगानिस्तान में आतंकवादियों ने खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले में पाकिस्तानी सैनिकों पर गोलीबारी की। जिसमें कम से कम पांच सैनिक मारे गए।
पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोईद युसुफ द्वारा टीटीपी से पाकिस्तान को खतरे के जिक्र के कुछ ही दिनों बाद यह हमला हुआ है जिसमें पाकिस्तानी सैनिकों की मौत हुई है। जनवरी के अंत में युसुफ ने कहा था कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान की तालिबानी सरकार को लेकर पूरी तरह आशावादी नहीं है क्योंकि युद्धग्रस्त देश में अभी भी संगठित आतंकवादी नेटवर्क सक्रिय हैं और अफगानिस्तान की भूमि का उपयोग अभी भी पाकिस्तान के विरूद्ध हो रहा है।
मोईद युसुफ ने विदेश मामलों के लिए नेशनल असेंबली की स्थायी समिति को अफगानिस्तान के मौजूदा हालात पर जानकारी देते हुए यह बात कही थी। उन्होंने प्रतिबंधित संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) की अफगानिस्तान में मौजूदगी से पाकिस्तान को उत्पन्न हुए खतरे के बारे में भी बात की।
ध्यान रहे कि पाकिस्तानी एनएसए मोइद यूसुफ के अफगानिस्तान दौरे के बाद ही बलोच लड़ाकों ने नुश्की, पंजगौर और तुरबत पर ताबड़तोड़ हमले किए हैं। इसी के बाद टीटीपी ने भी कुर्रम में हमला किया है। ऐसा भी बताया जाता है कि अफगानिस्तान तालिबान पाकिस्तान के रुख से संतुष्ट नहीं है। हालांकि अफगानिस्तान में आईएसआई के एजेंटों ने काबुल और अन्य शहरों में रहने वाले बलोच परिवारों के साथ अत्याचार शुरू कर दिए हैं। तालिबान के नाम पर आईएसआई एजेंट बलोचों की हत्या कर रहे हैं उनकी औरतों और बच्चियों का बलात्कार और जघन्य कृत्य कर रहे हैं। अफगानिस्तान में कोई स्थाई शासन प्रशासन न होने के कारण निर्वासित बलोचों पर हो रहे इन अत्याचारों को कहीं दर्ज भी नहीं किया जा रहा है।