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Taliban से दोस्ती कर बुरे फंस गए Imran Khan, एक दूसरे के खून के प्यासे हुए दोनों!

Taliban से दोस्ती कर बुरे फंस गए Imran Khan

दुनिया जानती है कि पाकिस्तान आतंकियों को पनाह देता है। लेकिन ये बात पाकिस्तान शुरु से ही नकारता रहा है। दुनिया के जितने भी खतरनाक आतंकी हैं उनका बसेरा पाकिस्तान में ही है और जब तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा किया तो इसमें सबसे बड़ा हाथ पाकिस्तान का रहा। पाकिस्तान ने तालिबान को पैसे से लेकर हथियार तक की मदद की। यहां तक कि विश्व मंच पर पाक प्रधानमंत्री इमरान खान लगातार आवाज उठाते रहे हैं कि इस चरमपंथी संगठन को दुनिया स्वीकार करे और तालिबान सरकार को मान्यता दे। लेकिन पाकिस्तान को ये कहां पता थी कि यही तालिबान उसका सबसे बड़ा दुश्मन बन बैठेगा। अब दानों के हालात ऐसे हैं कि ये एक दूसरे के खून के प्यासे हो गए हैं।

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दरअसल, पाकिस्‍तानी सेना ने पहली बार खुलकर आरोप लगाया था कि तालिबान के शासन वाले अफगानिस्‍तान से आए आतंकियों ने उसके 5 सैनिकों की हत्‍या कर दी। अब तालिबान ने इस पर पलटवार करते हुए कहा है कि, हमारी जमीन से कोई हमला नहीं हुआ है। इस हमले की जिम्‍मेदारी तहरीक-ए-तालिबान (TTP) ने ली है। TTP हमले को लेकर तालिबान और पाकिस्‍तान के बढ़ते मतभेद के बीच इमरान खान दोनों ओर से फंसते दिख रहे हैं, क्योंकि इमरान खान ने पूरी दुनिया से लगातार तालिबान सरकार का समर्थन करने के लिए कहा था और खुद सबसे पहले किया था।

काबुल न्यूज की रिपोर्ट की माने तो,  पाकिस्तान सेना के इस दावे को खारिज करते हुए तालिबान ने कहा है कि, अफगानिस्‍तान की जमीन से फायरिंग नहीं हुई थी। तालिबान के उप प्रवक्‍ता ने कहा, हम अन्‍य देशों खासतौर पर हमारे पड़ोसी देश को आश्‍वासन देना चाहते हैं कि किसी को भी अफगान जमीन को उनके खिलाफ इस्‍तेमाल नहीं होने दिया जाएगा।

बता दें कि, पाकिस्तान के लिए इस वक्त टीटीपी नासूर बना हुआ है, मुल्क में एक के बाद एक हमले कर रहा है। जिसे देखते हुए इमरान खान ने तालिबान से सुलह कराने की सिफारिश की थी और दोनों को लेकर दिसंबर में बातचीत भी हुई लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ। बदले में टीटीपी ने पाकिस्तानी सेना पर हमले तेज कर दिए। और इसी के बाद अब पाकिस्तान और तालिबान के बीच संबंध दोस्ती से दुश्मनी में बदल गए हैं। ऐसा पहली बार हुआ है जब पाकिस्तानी सेनाी ने अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल अपने सैनिकों पर हमले के लिए सार्वजनिक रूप से निंद की है।

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हमले के बाद पाकिस्तानी सेना ने एक बयान जारी करते हुए तालिबान पर आरोप लगाते हुए कहा कि, अफगान जमीन का इस्तेमाल पाकिस्‍तान के अंदर आतंकी गतिविधि चलाने की कड़ी निंदा करता है। उसने कहा कि अफगानिस्‍तान की अंतरिम सरकार से अपेक्षा करते हैं कि वह भविष्‍य में पाकिस्‍तान के खिलाफ नहीं होने देगी। इसके आगे सेना ने कहा कि, अफगान‍िस्‍तान से अंतरराष्‍ट्रीय सीमा पार करके आए आतंकियों ने कुर्रम जिले में पाकिस्‍तानी सैनिकों पर हमला कर दिया। पाकिस्‍तानी सेना ने दावा किया कि उसने मुंहतोड़ जवाब दिया, जिसमें आतंकियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है।