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SBI की नई रिसर्च ने बढ़ाई कांग्रेस की टेंशन- अक्टूबर-दिसंबर में 5.8 प्रतिशत बढ़ेगी भारत की GDP!

अक्टूबर-दिसंबर में 5.8 प्रतिशत बढ़ेगी भारत की GDP!

भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने एक रिसर्च किया है जिसमें देश की जीडीपी को लेकर अहम बात कही गई है। इस रिसर्च के बाद केंद्र सरकार के विपक्षियों के रातों की नींद उड़ने वाली है। जहां कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दल सरकार के खिलाफ कोई चाल चलने से बाज नहीं आते तो वहीं, भारत की बढ़ती GDP वाली रिपोर्ट से उनकी टेंशन और बढ़ने वाली है। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की शोध रिपोर्ट ईकोरैप में बताया गया है कि अक्टूबर-दिसंबर में भारत की जीडीपी 5.8 प्रतिशत बढ़ने की संभावना है।

रिसर्च में अनुसार देश का GDP वित्त वर्ष 2021-22 की तीसरी तिमाही में 5.8 प्रतिशत की दर से बढ़ सकता है। देश की अर्थव्यवस्था 20211-22 की दूसरी तिमाही में 8.4 प्रतिशत की दर से बढ़ी थी। हालांकि, जीडीपी वृद्धि दर जुलाई-सितंबर में इससे पिछली तिमाही के 20.1 प्रतिशत वृद्धि के मुकाबले कम थी। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) 28 फरवरी को चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के लिए जीडीपी अनुमान घोषित करेगा। इसके अलावा रिपोर्ट में कहा गया है कि, एसबीआई नाउकास्टिंग मॉडल के अनुसार वित्त वर्ष 2021-22 की तीसरी तिमाही के लिए अनुमानित सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 5.8 प्रतिशत रहेगी। पूरे वर्ष (वित्त वर्ष 2021-22) की जीडीपी वृद्धि का अनुमान 9.3 प्रतिशत से घटाकर 8.8 प्रतिशत कर दिया गया है।

नाउकास्टिंग मॉडल औद्योगिक गतिविधियों, सेवा गतिविधियों और वैश्विक अर्थव्यवस्था से जुड़े 41 उच्च आवृत्ति संकेतकों पर आधारित है। रिपोर्ट के मुताबिक, घरेलू आर्थिक गतिविधियों में सुधार का आधार अभी व्यापक होना बाकी है, क्योंकि निजी खपत महामारी से पहले के स्तर के मुकाबले कम है। रिपोर्ट ने सुझाव दिया कि सरकार ग्रामीण गरीबों को 50,000 रुपये तक आजीविका ऋण की पेशकश कर सकती है।

गौरतलब हो कि, कोरोना महामारी जब से आई है तब से ही पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था चरमराई हुई है। ऐसे में भारत ने काफी संभल कर कदम रखा है और केंद्र की मोदी सरकार के चलते देश में महंगाई ज्यादा नहीं बढ़ी जैसा की पड़ोसी देशों में देखने को मिला। पाकिस्तान में तो खाने के राशन से लेकर बिजली, पानी और पेट्रोल-डीजल तक के दाम आसमान छू रहे हैं। लेकिन भारत में पेट्रोल-डीजल के साथ-साथ खाने-पीने के दामों में कटौती कर केंद्र सरकार की ओर से आम जनता को राहत दिया गया है। इसके साथ ही मोदी सरकार द्वारा कई सारी योजनाएं चलाई जा रही हैं जिसके चलते देश के गरीब लोगों और किसानों के खाते में डायरेक्ट पैसे ट्रांसफर किए जाते हैं जिससे वो अपनी आजीविका चला सके।