होली से पहले प्रोविडेंट फंड सब्सक्राइबर्स को बड़ा झटका मिला है। एंप्लॉयी प्रोविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन (EPFO) ने चालू वित्त वर्ष के लिए इंट्रेस्ट रेट घटाकर 8.1 फीसदी कर दिया है। यह पिछले चार दशक का न्यूनतम इंट्रेस्ट रेट है। वित्त वर्ष 2020-21 के लिए प्रोविडेंट फंड पर मिलने वाला इंट्रेस्ट रेट 8.5 फीसदी थी। ईपीएफओ बोर्ड के फैसले पर वित्त मंत्रालय की मुहर लगाई जाएगी जिसके बाद इसे अमल में लाया जाएगा।
पिछले दो सालों से इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया था। लेकि, चालू वित्त वर्ष में इसे 40 बेसिस प्वाइंट्स से घटा दिया गया है। ईपीएफएओ के फैसले का असर 7 करोड़ सब्सक्राइबर्स पर पड़ेगा। ईपीएफओ के केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) की दो दिवसीय बैठक शुक्रवार से गुवाहाटी में शुरू हुई थी। बैठक में काफी विचार-विमर्श करने के बाद शनिवार को ये बड़ा फैसला लिया गया।
इस बैठक में पीएफ के अलग-अलग इन्वेस्टमेंट पर किस तरह का रिटर्न मिला है, उस बात पर भी समीक्षा की गई। मीडिया में आ रही खबरों की माने तो, मौजूदा बाजार की स्थिति और रूस-यूक्रेन क्राइसिस को देखते हुए सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज इंट्रेस्ट रेट में कटौती करने का फैसला किया है।
यह भी माना जा रहा है कि वित्त मंत्रालय के कहने पर पीएफ बोर्ड ने इंट्रेस्ट रेट में कटौती का फैसला लिया है। बोर्ड की बैठक में इंट्रेस्ट रेट में कटौती का जो फैसला लिया गया है उसे अब मंजूरी के लिए वित्त मंत्रालय के पास भेजा जाएगा। वहीं, पिछले दो वित्त वर्षों से इंट्रेस्ट रेट में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है। पहली बार वित्त वर्ष 2019-20 में इंट्रेस्ट रेट घटाकर 8.5 फीसदी किया गया। वित्त वर्ष 2020-21 में भी इसे 8.5 फीसदी रखा गया। वर्तमान में ईपीएफओ से करीब 7 करोड़ सब्सक्राइबर्स से जुड़े हुए हैं।