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घातक हथियार देकर पाकिस्तान को उकसा रहा चीन, फाइटर जेट हो या पनडुब्बी सस्ते दामों में बेच रहा ड्रैगन

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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने हाल ही में आईओसी की बैठक में कश्मीर मुद्दा उठाया था। इस दौरान चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा- 'बीजिंग कठिनाइयों को दूर करने और अपनी अर्थव्यवस्था को ठीक करने के लिए पाकिस्तान को अपनी क्षमता के भीतर मदद देने के लिए तैयार है।' कश्मीर को लेकर पाकिस्तान सालों से चाल चलता आया है और अब उसकी इस नापाक चाल में चीन भी पाकिस्तान का साथ देने आगे आ गया है। चीन पाकिस्तान को भारी मात्रा में घातक हथियारों सप्लाई कर रहा है। चीन पाकिस्तान की नौसैनिक क्षमता को भी सुविधाजनक बना रहा है।

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रक्षा सहयोग की आड़ में चीन स्टील्थ फाइटर्स से लेकर पनडुब्बियों तक के हथियारों की बिक्री पाकिस्तान को कर रहा है। इस्लामाबाद ने एक चीन निर्मित टाइप 054फ्रिगेट को शामिल किया है, जिसे सतह-विरोधी, हवा-विरोधी और पनडुब्बी-रोधी युद्ध के लिए डिजाइन किया गया है। इसका उद्देश्य भारत-प्रशांत सागर लेन के संभावित भारतीय खतरे का मुकाबला करना है। बताया गया है कि पाकिस्तान चीन से आठ पनडुब्बियां खरीदने की भी योजना बना रहा है। वह इसे अपनी नौसेना की रीढ़ के रूप में स्थापित कर रहा है। यह भी कहा गया है कि कम से कम चार पनडुब्बियां चीन में बनाई जाएंगी और बाकी पाकिस्तान में बनाए जाएंगे।

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आपको बता दें कि इस महीने की शुरुआत में चीन ने अपने रक्षा सहयोग के तहत पाकिस्तान को छह जे-10सीई लड़ाकू जेट दिए। जे-10सीई जेट बुधवार को इस्लामाबाद में पाकिस्तान दिवस परेड का भी हिस्सा थे, जिसमें पाकिस्तान ने अपनी सैन्य ताकत का प्रदर्शन किया।  इस कदम को भारत पर अधिक दबाव डालने के कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। आपको बता दें कि चीन दक्षिण एशिया में अपने रक्षा विस्तार को बढ़ाने का लक्ष्य लेकर चल रहा है, जिससे इस क्षेत्र में उसका प्रभाव और बढ़ जाएगा। पाकिस्तान ने चीन के साथ संयुक्त रूप से विकसित कम से कम 50 नए जेएफ-17 लड़ाकू विमान भी शामिल किए हैं। पाकिस्तान के साथ चीन का बढ़ा हुआ रक्षा सहयोग सीधे तौर पर भारत को हाल ही में हासिल हुई रूसी एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली से जुड़ा है। पाकिस्तान के साथ चीन के बढ़े हुए रक्षा सहयोग को भारतीय हवाई अभियानों से संभावित खतरे की प्रतिक्रिया के रूप में देखा जा रहा है।