झूठ और काल्पनिक आंकड़ों पर आधारित पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान रविवार की शाम लगभग पौने दो घण्टे तक अपनी अवाम को बोर करते रहे। इसका नतीजा है कि इमरान खान के दो सहयोगी शहजैन बुगती और एंकर से एमएनए बने आमिर लियाकत ने इस्तीफा दे दिया है। इस तरह हाउस में इमरान खान की स्थिति और कमजोर हो गई है। आज सोमवार को शाम चार बजे हाउस की कार्यवाही शुरू होगी और अविश्वास प्रस्ताव पटल पर रखा जाएगा। इसी बीच यह खबरें भी आ रही हैं कि इस्लामाबाद जलसे में इस्तीफे का ऐलान न करने से खफा विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी भी अविश्वास प्रस्ताव पर बहस से पहले इस्तीफा दे सकते हैं।
इमरान खान ने रविवार की शाम इस्लामाबाद जलसे में आर्मी का नाम लिए बगैर लिए कहा कि उनकी सरकार को गिराने की साजिशें की जा रही हैं। इमरान खान ने यह भी कहा कि उनपर दबाव है कि पीपीपी और पीएमएल(एन) को एनआरओ दे दिया जाए, लेकिन भले ही उनकी सरकार चली जाए, या उनकी जान चली जाए फिर भी वो एनआरओ नहीं देंगे। इमरान खान को मालूम है कि उनके पास सदन में बहुमत नहीं है। उनकी सरकार गिरनी तय है। इसीलिए उन्होंने विक्टिम कार्ड खेलना शुरू कर दिया है। इस्लामाबाद रैली भी उसी का हिस्सा रही।
इस रैली में इमरान खान ने कहा कि ‘बाहर से हम पर दबाव डालने की कोशिश की जा रही है हमें पता है, मुल्क की मफाद के नाम पर हमें लिख कर धमकी दी गई है। हम मुल्क की मफाद से सौदा नहीं करेंगे। मैं इलेजामात नहीं लगा रहा। मेरे पास जो खत है वो सबूत है…ऑफ द रिकॉर्ड हमें ये सोचना, हम कब तक ऐसा रहना चाहते हैं हम अपनी कौम और मीडिया से कहूंगा, आप देखें यह,क्या हो रहा है। ध्यान रहे, इमरान खान जब ये बात बोल रहे थे उस वक्त पाकिस्तान का एक मात्र सरकारी चैनल उनकी रैली की कवरेज कर रहा था। प्राईवेट चैनलों को रैली में घुसने की भी इजाजत नहीं थी।
इमरान खान ने पाकिस्तानी आर्मी और आर्मी चीफ के खिलाफ जमकर जहर उगला मगर कहीं उनका नाम नहीं लिया। इमरान खान ने तो यहां तक कह दिया कि पाकिस्तान के लीडर पाकिस्तानी आर्मी के गुलाम हैं। इसी गुलामी से उन्हे आजादी दिलानी है। डर-डर कर बोल रहे इमरान खान ने कहा कि-
‘मुझे किस बात का डर है मैं तो मुल्क की मफादात के लिए नहीं कह रहा हूं दो चोरो ने मुल्क को पीछे कर दिया। 90 तक हिंदुस्तान से आगे था।’ इमरान खान ने एक बार फिर क्रिकेट की याद दिलाते हुए कहा कि वो अकेले ऐसे कप्तान थे जो वर्ल्ड कप लेके आया। 24 मैच इंडिया के साथ खेले जिसमें से 19 मैच जीते। उनका इशारा था कि अगर उनके कयादत में इंडिया से जंग होती तो वो इंडिया को हरा सकते थे, लेकिन पहले दिन से उन्हें ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। कि हुकूमत करनी है तो हमारे डाके माफ करने पड़ेंगे।
इमरान खान, का दर्द जलसे को खिताब करने वाली आखिरी लाइनों में भी झलका। उन्होंने अपनी सरकार के खिलाफ वोट करने वालों से लगभग घुटनों के बल बैठकर गुहार लगाई कि उनके खिलाफ वोट न करें।