चीन इस वक्त कई देशों में अपना पैर पसार रहा है। कई देशों में तो वो जबरन घुस कर उनकी जमीनों को हड़प रहा है। खासकर उन देशों के जो उसके साथ सीमा साझा करते हैं। ताइवान, नेपाल संग कई और देश हैं जो चीन की हरकतों से परेशान हैं। साथ ही साउथ चीन सागर में भी यही हाल है। अब जो देश चीन से सीमा साझा नहीं करते उन्हें भी चीन अपनी कर्ज जाल में फंसा रहा है। उन्हें कर्ज के बोझ तले इतना दबा दे रहा है कि, उनके बंदरगाहों, एयरपोर्टों को हड़प कर अपनी आर्मी तैनात कर रहा है। बांग्लादेश पर भी चीन की बुरी नजर है और बांग्लादेश भारत के लिए काफी महत्व रखता है। भारत ने अब जो चाल चली है उसे चीन को गहरा सदमा लगा है। बांग्लादेश ने भारत को ऑफर देते हुए कहा है कि, वो कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए हमारे चटगांव बंदरगाह का इस्तेमाल करे।
दरअसल, भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ बातचीत के दौरान दोनों देशों के बीच संपर्क बढ़ाने की जरूरत पर जोर देते हुए बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने गुरुवार को कहा कि भारत के पूर्वोत्तर राज्य संपर्क बढ़ाने के उद्देश्य के लिए चटगांव बंदरगाह का इस्तेमाल कर सकते हैं। ढाका ट्रिब्यून के हवाले से विदेश मंत्री जयशंकर के साथ बातचीत के दौरान हसीना ने कथित तौर पर कहा, अगर संपर्क बढ़ाया जाता है, तो असम और त्रिपुरा जैसे भारतीय पूर्वोत्तर राज्य चटगांव बंदरगाह को एक्सेस कर सकते हैं। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बृहस्पतिवार को बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना से मुलाकात की थी।
गौरतलब हो कि, चटगांव बंदरगाह बांग्लादेश का मुख्य बंदरगाह है। संक्षिप्त आधिकारिक यात्रा पर बृहस्पतिवार को यहां पहुंचे जयशंकर ने हसीना को उनके भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी की तरफ से नई दिल्ली आने का निमंत्रण दिया। जयशंकर ने ट्वीट किया, प्रधानमंत्री शेख हसीना को उनके गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए धन्यवाद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की व्यक्तिगत शुभकामनाएं दीं। दोनों नेताओं के मार्गदर्शन में हमारे द्विपक्षीय संबंध मजबूती से आगे बढ़ रहे हैं। बैठक में पीएम हसीना ने कहा कि, दोनों देशों को अपने संपर्क को औऱ बढ़ाना होगा। करीम ने कहा कि पीएम ने जयशंकर से कहा कि परस्पर लाभ के लिए संपर्क बढ़ाने की जरूरत है, और बांग्लादेश के दक्षिणपर्वी चटगांव बंदरगाह का उपयोग करने में भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र को विशेष रूप से फायदा होगा।