भारत का हर एक कदम दुनिया के लिए महत्व रखती है। भारत क्या बोलता है या क्या करता है हर एक चीज मायने रखती है। वजह यह है कि आज दुनिया के बड़े से बड़े देश भारत के साथ जुड़ना चाहते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया की नजरों में आज देश को काफी ऊपर पहुंचा दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आने से भारत इंटरनेशनल लेवल पर काफी मजबूत हुआ है। हर एक मामलों में भारत को चर्चा में शामिल किया जाता है। अब प्रधानमंत्री दो मई से अपने यूरोप दौरे पर जा रहे हैं। लेकिन, इसस पहले उन्होंने इसे लेकर बताया है कि, यह दौरान इतना जरूरी क्यों है।
पीएम मोदी के इस साल का पहला दौरान दो मई से शुरू होगा और इस दौरान वो जर्मनी, डेनमार्क और फ्रांस में तीन दिन बिताएंगे। इस दौरान वह 25 कार्यक्रमों में शामिल होंगे और तीन दिवसीय यात्रा के दौरान उन देशों में वह लगभग 65 घंटे बिताएंगे। वहीं दौरे से ठीक एक दिन पहले प्रधानमंत्री ने इस दौरे का उद्देश्य बताया है। उन्होंने कहा कि, मेरी यूरोप यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब इस क्षेत्र को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा, अपनी व्यस्तताओं के माध्यम से, मैं यूरोपीय भागीदारों के साथ सहयोग की भावना को मजबूत करने का इरादा रखता हूं। भारत में शांति और समृद्धि की खोज में यूरोपीय साझेदार महत्वपूर्ण साथी हैं।
इसके आगे उन्होंने कहा कि, मैं डेनमार्क, आइसलैंड, फिनलैंड, स्वीडन और नॉर्वे के प्रधानमंत्रियों के साथ दूसरे भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन में भी भाग लूंगा। शिखर सम्मेलन में महामारी के बाद आर्थिक सुधार, जलवायु परिवर्तन, नवीकरणीय ऊर्जा आदि जैसे विषयों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। पीएम मोदी ने कहा कि हम छठे भारत-जर्मनी अंतर-सरकारी परामर्श (आईजीसी) की सह-अध्यक्षता करेंगे, जो एक अद्वितीय द्विवार्षिक प्रारूप है जिसे भारत केवल जर्मनी के साथ आयोजित करता है। कई भारतीय मंत्री भी जर्मनी जाएंगे और अपने जर्मन समकक्षों के साथ विचार-विमर्श करेंगे। इसके अलावा बर्लिन की मेरी यात्रा चांसलर स्कोल्ज के साथ विस्तृत द्विपक्षीय चर्चा करने पर केंद्रित होगी। जिनसे मैं पिछले साल G20 में मिला था।
इसके आगे उन्होंने कहा कि, भारत लौटने से पहले मैं अपने मित्रा और फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों से मिलने के लिए पेरिस में रुकूंगा। इससे हमें भारत-फ्रांस सामरिक साझेदारी के अगले चरण की रूपरेखा तैयार करने का अवसर भी मिलगा। इस यात्रा के दौरान पीएम मोदी सात देशों के आठ नेताओं के साथ द्विपक्षीय और बहुपक्षीय बैठक करेंगे। उन्होंने कहा कि, साथ ही वह 50 वैश्विक व्यवसायियों से भी बातचीत करेंगे।