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China ने बीच में छोड़ा Pakistan का साथ तो भागते हुए आया India के पास, कहा- फिर से शुरू करना चाहता हूं…

कंगाली से उभरने के लिए ड्रैगन को छोड़ भारत के पास आया pakistan

पाकिस्तान की सत्ता में आई भूचाल तो किसी तरह थम गई है लेकिन, देश की गिरती अर्थव्यवस्था अब भी संभल नहीं पा रही है। नए प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ के सामने कई सारी चुनौतियां हैं। पाकिस्तान का इस वक्त विश्व कर्ज बढ़ता जा रहा है। साथ ही देश कंगाली की राहत पर है। इस वक्त आटा, चावल, दाल, खाने के तेल, दूध से लेकर हर चीजों का दाम रिकॉर्ड स्तर पर है। साथ ही घरेलू गैस, पोट्रेल और डीजल के भी दामों में आग लगी हुई है। उधर देश में बीजली का भी संकट भी खत्म होता नजर नहीं आ रहा है। यहां तक कि चीन ने भी कह दिया है कि पहले बकाया पैसा दो वरना देश को अंधेरे में रहना पड़ेगा। ये सब देखते हुए पाकिस्तान को अब भारत की याद आई है जिसके बाद वो अपनी डूबती नाव को बचाने के लिए गुहार लगाई है।

दरअसल, पाकिस्तान की नई सरकार ने मंगलवार को नई दिल्ली में एक व्यापार मंत्री की नियुक्ति को मंजूरी दी है। इसे पाकिस्तान की सबसे बड़ी हार मानी जा रही है। क्योंकि, 2019 के अंत में जम्मू और कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने बाद तत्काली प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान सरकार ने भारत के साथ सभी व्यापार समाप्त कर दिए थे। लेकिन, अब देश कंगाली की राह में है तो पाकिस्तान झुकने के लिए मजबूर हो गया है। नी सरकार भारत के साथ व्यापाह बहाल कर अपनी देश की अर्थव्यवस्था को संभालना चाहती है।

खबरों की माने तो, भारत के साथ व्यापार को दोबारा शुरू करने के लिए नई दिल्ली में कमर जमान को नया व्यापार मंत्री नियुक्त किया गया है। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान भारत के साथ व्यापार शुरू करने के खिलाफ थे। पाकिस्तान ने नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में 'व्यापार प्रतिनिधि' की नियुक्ति को नियमित प्रक्रिया बताते हुए बुधवार को कहा भारत के साथ व्यापार को लेकर उसकी नीति में कोई बदलाव नहीं हुआ है।

खबरों में कहा गया है कि, कमर जमां को नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में पाकिस्तान का व्यापार प्रतिनिधि बनाया गया है। इससे दोनों पड़ोसी देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार संबंध बहाल होने की अटकलों को बल मिला था। पाकिस्तान के वाणिज्य मंत्रालय ने बुधवार को एक बयान जारी करके कहा, "वाणिज्य मंत्रालय 46 देशों में 57 व्यापार मिशन का प्रबंधन करता है जिसमें नयी दिल्ली में व्यापार प्रतिनिधि (व्यापार एवं निवेश) का पद शामिल है। मंत्रालय ने साफ किया, भारत के साथ व्यापार पर पाकिस्तान की नीति में कोई बदलाव नहीं हुआ है।