एनडीए सरकार एमएसपी खत्म नहीं करेगी। सीसीईए की बैठक के नतीजों के बाद किसानों के मन से यह भ्रम खत्म हो गया होगा। किसानों की आय दो गुनी करने के वादे के अनुरूप खरीफ यानी गर्मी के मौसम में बोई जाने वाली फसलों के समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी की है। इस मौसम में सबसे ज्यादा बोई जाने वाली फसल धान होती है। इसलिए धान की कीमतों में एक सौ रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाने का ऐलान किया गया है। सेंट्रल कमेटी ऑफ इकोनॉमिक अफेयर्स यानी सीसीईए ने खरीफ की सभी 14 फसलों के दाम बढ़ाने का अनुमोदन कर दिया है।
सरकारी सोर्सेज से मिली जानकारी के अनुसार धान की सामान्य ग्रेड के लिए एमएसपी को पिछले वर्ष के 1,940 रुपये से बढ़ाकर 2,040 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। वहीं, धान की 'ए' ग्रेड किस्म का समर्थन मूल्य 1,960 रुपये से बढ़ाकर 2,060 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। खरीफ की प्रमुख फसल धान होती है, जिसकी बुवाई शुरू हो चुकी है।
पिछले तीन वर्षों में सामान्य से अच्छे मानसून के चलते खरीफ खाद्यान्न उत्पादन में औसतन 2.8% की वृद्धि हुई है और इसके परिणामस्वरूप खरीफ उत्पादन में 2.5% की वृद्धि हो सकती है। सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने किसानों की आय बढ़ाने और कृषि क्षेत्र के व्यापक विकास को सुनिश्चित करने के लिए नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार द्वारा पिछले आठ वर्षों के दौरान शुरू किए गए कई कार्यक्रमों पर भी प्रकाश डाला।
इससे पहले एक विदेशी ब्रोकरेज रिपोर्ट में कहा गया है कि खरीफ कृषि आय में लगातार दूसरे वर्ष मजबूत वृद्धि की उम्मीद है। हालांकि, वैश्विक स्तर पर उर्वरक और फीड की कीमतें बढ़ने से खरीफ कृषि लागत में और वृद्धि होने की उम्मीद है। पिछले महीने, सरकार ने जोर देकर कहा कि मौजूदा खरीफ सीजन के दौरान उर्वरकों की उपलब्धता अनुमानित मांग से अधिक है। साथ ही सरकार ने कहा कि इस वित्तीय वर्ष के लिए ऊर्वरक पर सब्सिडी बढ़कर लगभग 2.5 लाख करोड़ हो सकती है, ताकि किसानों को अत्यधिक रियायती दरों पर खाद मिल सके।