उइगर मुस्लिमों का नाम सुनते ही सबसे पहले इनके ऊपर हो रहे अत्याचार के बारे में लोगों को याद आता है। पूरी दुनिया जानती है कि चीन उइगरों को लेकर कितना कूर है। चीन उइगर मुसलमानों को सर्विलांस पर रखा है। इन्हें ना तो कहीं जाने की इजाजत है और न ही कहीं घुमने की। चीन इनको पूरी तरह से पैक कर के रखा है। जो भी चीन के खिलाफ जाता है वो उसे गायब कर देता है उसके बाद लोग उसे कभी नहीं देख पाते। पिछले साल एक रिपोर्ट आई थी जिसमें बताया गया कि, चीन भारी मात्रा में उइगर मुसलमानों का किडनी, गुर्दा, आंखें और अन्य शरीर का अंग निकाल कर ब्लैक मार्केटिंग कर रहा है और इससे वो अरबो-खरबो रुपये कमा रहा है। अब ये चीन भारत को पैगंबर विवाद पर ज्ञान दे रहा है। ज्ञान देने से पहले चीन को पहले अपने गिरेबान में झांक कर देख लेना चाहिए था। उसके हाथ तक खून से लथपथ हैं।
चीन ने कहा है कि, वह मानता है कि विभिन्न सभ्यताओं, विभिन्न धर्मों को एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए और समान स्तर पर सह-अस्तित्व में रहना चाहिए। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेताओं द्वारा की गई कथित टिप्पणियों के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन को लेकर सरकारी चीनी मीडिया द्वारा पूछे गये एक सवाल के जवाब में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा, हमने प्रासंगिक खबरों पर गौर किया हैं। हमें उम्मीद है कि संबंधित घटना से ठीक से निपटा जा सकता है। उन्होंने कहा कि अहंकार और पूर्वाग्रह को त्यागना महत्वपूर्ण है और सभी को एक दूसरे के धर्मों का सम्मान करना चाहिए।
चीन को भारत के मुस्लिमों को लेकर कुछ भी बोलने से पहले खुद के बारे में सोचना चाहिए। क्योंकि, पूरी दुनिया जानती है कि, ड्रैगन अपने शिनजियांग प्रांत में उइगर मुसलमानों के खिलाफ बड़े पैमाने पर क्रूरता करता है। चीन में 2 करोड़ से ज्यादा मुस्लिम हैं लेकिन उनके साथ हो रहे अत्याचार पर चीन हमेशा खामोश रहा है।