केंद्र सरकार द्वारा लॉन्च किया गये 'अग्निपथ भर्ती योजना' को लेकर देश के कई राज्यों में बवाल मचा हुआ है। इस योजना के तहत युवाओं को चार साल तीनों सेनाओं में काम करने का अवसर मिलेगा। कुछ कट्टरपंथी देश में हिंसा भड़काने के मंसूबे से युवाओं को भड़का रहे हैं। उन्हें गलत तरह से चीजों को बता कर हिंसा के लिए उकसा रहे हैं। इन सब के बीच सेना भी इसके फायदे के बारे में बता चुकी है कि चार साल तक उन्हें कौन-कौन सी सुविधाएं दी जाएंगी और इसके बाद उन्हें कहां-कहां असवर मिलेगा। साथ ही कई राज्य सरकारों और देश के दिग्गज बिजनेसमैन तक कह चुके हैं कि वो चार से के बाद इन अग्निवीरों को अपने यहां मौका देंगे। अब राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने कहा है आर्म्ड फोर्सेज की भर्ती प्रक्रिया में बदलाव 'जरूरत' के चलते हुआ है।
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चार साल बाद अग्निवीर एक स्किल्ड और ट्रेन्ड युवा होगा
अग्निपथ योजना पर डोभाल का कहना है कि 'अगर हमें कल के लिए तैयारी करनी है तो हमें बदलना ही होगा। उन्होंने समचार एजेंसी एएनआई को दिए अपने एक इंटरव्यू में कहा कि अग्निपथ कोई 'स्टैंडअलोन' योजना नहीं है। उन्होंने योजना से जुड़ी कई भ्रांतियों को दूर करने की कोशिश की। डोभाल ने कहा कि 'सेना में चार साल बिताने के बाद अग्निवीर जब वापस जाएगा तो वह स्किल्ड और ट्रेन्ड होगा। वह समाज में सामान्य नागरिक की तुलना में कहीं ज्यादा योगदान कर पाएगा।' ट्रेनिंग पर बात करते हुए डोभाल ने कहा कि अग्निवीर कभी पूरी सेना तो बनेंगे नहीं। जो अग्निवीर रेगुलर आर्मी में जाएंगे, उनकी कड़ी ट्रेनिंग होगी, अनुभव हासिल करने के लिए वक्त मिलेगा। पहला अग्निवीर जब रिटायर होगा तो 25 साल का होगा। उस वक्त भारत की इकनॉमी 5 ट्रिलियन डॉलर की होगी। तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था को ऐसे लोग चाहिए होंगे।
कम उम्र में युवाओं को मिलेगा ज्यादा अनुभव
इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, अग्निपथ से युवाओं को बेहद ही कम उम्र में इतना अनुभव हासिल होगा, उनकी स्किल्स डिवेलप होंगी। 25 साल की उम्र में वे सामान्य नागरिकों से कहीं ज्यादा योग्य और प्रशिक्षित होंगे। सेवा से बाहर होने के बाद अग्निवीर देश के अलग-अलग हिस्सों में जाएंगे। उनमें सेना का जूनून और जज्बा कूट-कूटकर भरा होगा। ये लोग बदलाव के वाहक बनेंगे। देश भर में इसे लेकर हो रहे प्रदर्शन को लेकर उन्होंने कहा कि, बदलाव आता है तो ऐसा होता ही है, घबराहट होती है। ऐलान के बाद से धीरे-धीरे युवाओं को समझ आने लगा है कि ये तो उनके फायदे की बात है। युवाओं के जो भय और आकांक्षाएं हैं, वो दूर हो जाएंगे।
समाज में एक दूसरा वर्ग भी है जिसे देश की शांति-सुरक्षा से कोई मतलब नहीं
इसके साथ उन्होंने उन लोगों पर भी बात कि जिन्हें देश की सुरक्षा, मान-मर्यादा से कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने कहा कि, एक दूसरा वर्ग है जिसे देश की शांति, सुरक्षा से कोई मतलब नहीं है। वे बस ऐसे मुद्दे ढूंढते हैं जहां भावुकता को बढ़ावा दिया जा सकता है। जो अग्निवीर बनना चाहते हैं, वो इस तरह हिंसा नहीं करते। उन्होंने कहा कि, कुछ लोग जिनके पश्चिमी हित हैं, कोचिंग चला रहे हैं, हमें अंदाजा था कि ऐसा होगा। लेकिन, एक बार उन्होंने प्रदर्शन की हदें पार कीं, राष्ट्रीय सुरक्षा और कानून-व्यवज्ञस्था के लिए खतरा बनने लगे, सख्ती करनी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि, लोकतंत्र में विरोध की इजाजत है, अराजकता की नहीं।
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