श्रीलंका इस वक्त भारी आर्थिक संकट से गुजर रहा है, यहां पर तेल, रासन, दवा से लेकर लगभग हर चीजों की दामों में भारी बढ़ोतरी हो गई है। आजादी के बाद से इतिहास में पहली बार श्रीलंका की अर्थव्यवस्था इतनी बिगड़ी है। हाल की सालों में इन देशों में चीन ने तेजी से विस्तार किया है। ऐसे में जिन-जिन देशों को चीन ने लालच दिया है वो-वो देश उसकी कर्ज जाल में फंसते जा रहे हैं। श्रीलंका को भारत लगातार मदद कर रहा है। चीन ने श्रीलंका को बीच मजधारर में छोड़ दिया है। ऐसे में भारत देवदूत की तरह सामने आया है श्रीलंका की हर एक तरह से मदद कर रहा है। इस बीच श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने कहा है कि, भारत द्वारा दी गई वित्तीय सहायता खैरात नहीं है।
श्रीलंका का कहना है कि वह भारत की पाई-पाई चुकाने को तैयार है। श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने 22 जून को संसद को कहा है कि भारत द्वारा दी गई वित्तीय सहायता खैरात नहीं है। इसके आगे उन्होंने कहा कि, गहरे आर्थिक संकट से जूझ रहे देश के पास इन लोन को चुकाने का प्लान होना चाहिए। श्रीलंकन प्रधानमंत्री कई मौकों पर भारत का शुक्रिया अदा कर चुके हैं। हाल ही में उन्होंने यह तक कहा था कि, आज श्रीलंका जिस हाल में है उसे पूरी दुनिया ने अकेला छोड़ दिया। सिर्फ भारत ही है जो लगातार बिना कुछ सोचे समझे हमारी मदद कर रहा है। इस बात को चीन ने भी स्वीकार की थी कि, भारत ने जितना श्रीलंका के लिए किया वो कोई और नहीं कर सकता। इसी के बाच चीन ने भी कहा था कि वो इस सहायता में भारत के साथ आना चाहता है।
बता दें कि, विदेशी मुद्रा की किल्लत होने से श्रीलंका अपनी जरूरत की चीजें भी नहीं खरीद पा रहा है। ऐसे में भारत ईंधन खरीद के एक विश्वसनीय मददगार के तौर पर सामने आया है। भारत ने शनिवार को श्रीलंका को क्रेडिट लाइन की सुविधा के तहत 40,000 मेट्रिक टन डीजल की मदद की है। यह भारत की श्रीलंका को दिए गए ईंधन की चौथी खेप है। लेकिन भारत की तरफ से श्रीलंका को दी गई मौजूदा ऋण-सुविधा भी अब खत्म होने वाली है और भविष्य की तेल आपूर्ति को लेकर कोई संकेत नहीं दिए गए हैं। इसके अलावा भारत ने दक्षिणी देश को उर्वरकों के आयात के लिए दी गई 5.5 करोड़ अमेरिकी डालर के कर्ज की अवधि बढ़ा दी है। श्रीलंका ने देश में गहराते आर्थिक संकट के बीच यूरिया खरीदने के लिए भारत से 5.5 करोड़ डॉलर का कर्ज देने की अपील की थी। श्रीलंका की इसी अपील के मद्देनजर भारत ने उसे 5.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर (करीब 425 करोड़ रुपये) की लाइन ऑफ क्रेडिट देने का फैसला किया था।
इन सब के बीच श्रीलंका के प्रधानमंत्री ने बताया कि, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से 23 जून को उच्च स्तर के अधिकारियों की एक टीम कोलंबो आएगी, जो स्थानीय आर्थिक स्थितियों की समीक्षा करेगी। इसके आगे उन्होंने कहा कि, श्रीलंका अब तेल, गैस, बिजली और खाने की किल्लत के अलावा बहुत ज्यादा गंभीर स्थिति का सामना कर रहा है।