भारत को लेकर पकिस्तान हमेशा हमलावर रहता है। ऐसे में बीती रोज मंगलवार को पाकिस्तान ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे को लेकर भारत पर निशाना साधा है। पाकिस्तान ने भारत के CPEC रुख को निराधार और गुमराह करने वाला करार दिया। पाक ने कहा कि अरबों डॉलर के गलियारे पर आक्षेप लगाने की कोशिश नई दिल्ली की 'असुरक्षा की भावना और एक वर्चस्ववादी एजेंडे के लक्ष्य' को दर्शाती है
भारत ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) से होकर गुजर रहे अरबों डॉलर के आर्थिक गलियारे संबंधी परियोजनाओं में अन्य देशों को जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करने के प्रयासों को लेकर चीन और पाकिस्तान की निंदा की थी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि CPEC के तहत इस प्रकार की गतिविधियां स्वाभाविक रूप से अवैध, अनुचित और अस्वीकार्य हैं।
भारत ने CPEC को लेकर क्या बोला?
भारत ने कहा था कि अगर CPEC में कोई भी नया देश शामिल होता है, तो ये भारत की भौगोलिक संप्रभुता का उल्लंघन होगा। CPEC इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजक्ट्स का एक कलेक्शन है। 2013 से पूरे पाकिस्तान में इसका काम चल रहा है। शुरुआत में CPEC की लागत 47 अरब डॉलर थी। हालांकि, 2020 तक इसकी लागत बढ़ कर 62 अरब डॉलर हो गई। नई दिल्ली ने इस प्रोजेक्ट की शुरुआत से ही इसका विरोध किया है, क्योंकि यह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के बड़े हिस्से से होकर गुजरता है। पिछले हफ्ते, चीन और पाकिस्तान ने आपसी लाभकारी सहयोग के लिए मल्टी बिलियन डॉलर के आर्थिक गलियारे में शामिल होने वाले किसी भी देश का स्वागत किया था।