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धरती की ओर तेजी से गिर रहा China का ये Rocket, शनिवार को भारत समेत इन देशों में मचा सकता है तबाही

तेजी से धरती की ओर गिर रहा चीनी रॉकेट

दुनिया के कई देश चीन से किसी न किसी वजह से परेशान रहते ही हैं। कभी सीमा को लेकर तो कभी, साइबर अटैक, कभी जासूसों को लेकर। इसके साथ ही स्पेस में भी कम विवाद नहीं रहता है। अब खबर है कि, शनिवार को आसमानी आफत आने वाली है। ये आफत भी लाने वाला चीन ही है। कहा जा रहा है कि, चीनी रॉकेट धरती पर गिर सकता है। जिसके चलते भारी क्षति भी पहुंच सकती है।

खबरों की माने तो, चीन का लॉन्ग मार्च 5 बी रॉकेट का मलबा शनिवार शाम को पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करने वाला है। इस मलबे पर चीन ने करीबी निगाह बनाए रखी है। चीन का कहना है कि इस बार रिस्क थोड़ा अधिक है। हालांकि, मलबे का अधिकतर हिस्सा पहले ही वायुमंडल के घर्षण से जलकर राख हो जाएगा। 25-टन वजनी यह रॉकेट 24 जुलाई को चीन के अधूरे तियांगोंग अंतरिक्ष स्टेशन को वेंटियन प्रयोगशाला केबिन मॉड्यूल को पहुंचाने के लिए लॉन्च किया गया था। वैज्ञानिकों ने बताया है कि इस रॉकेट का मलबा 30 जुलाई को शाम 7:24 बजे पृथ्वी के वायुमंडल में फिर से प्रवेश करेगा। इस मलबे का कुछ हिस्सा रविवार सुबह भी दिखाई देगा।

अमेरिकी रिसर्च सेंटर द एयरोस्पेस कॉरपोरेशन के सेंटर फॉर ऑर्बिटल एंड रीएंट्री डॉबरीज स्टडीज के वैज्ञानिकों का कहना है कि, करीब 16 घंटे तक इस रॉकेट का मलबा धरती के वायुमंडल में दिखाई देता रहेगा। हालांकि, अभी तक इसके गिरने के जगह के बारे में पता नहीं चल सका है। लेकिन, संभावना जताया जा रहा है कि, ये अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, ब्राजील और दक्षिण पूर्व एशिया में गिर सकता है। रॉकेट का पहला चरण यानी उसका बूस्टर, आमतौर पर सबसे बड़ा और सबसे शक्तिशाली पार्ट होता है। आमतौर पर रॉकेट बूस्टर को ऐसे समय पर मेन रॉकेट से अलग किया जाता कि वह प्रक्षेपवक्र बनाते हुए समुद्र में बिना किसी को नुकसान पहुंचाए गिर जाए। लेकिन, चीन के लॉन्ग मार्च 5B का बूस्टर इंजन अलग तरीके का है।

बता दें कि, ये पहली बार नहीं जब चीन का कोई रॉकेट अनियंत्रित होकर धरती पर गिर रहा है। दो साल में ये तीसरी बार है जब चीन का कोई रॉकेट अनियंत्रित होकर धरती पर गिर रहा है। पहली घटना मई 2020 में घटी थी, इस दौरान अफ्रीकी देश आइवरी कोस्ट के गांवों में कथित तौर पर धातुओं की बारिश हुई थी, हालांकि इसमें कोई हताहत नहीं हुआ था। दूसरी घटना मई 2021 में में हुई थी, उस दौरान इसका मलबा हिंद महासागर में गिरा था। तब किसी को नुकसान नहीं पहुंचा था। लेकिन, बाकी के दो रॉकेट की तुलना में लॉन्ग मार्च 5B बूस्टर काफी बड़ा है। अपनी अनियंत्रित रीएंट्री के दौरान बड़े आकार के कारण यह वायुमंडल के घर्षण से पूरी तरह जल नहीं पाएगा। ऐसे में इसके बड़े टुकड़े के धरती के किसी भी हिस्से में गिरने की संभावना ज्यादा है।

स्पेस विशेषज्ञों का कहना है कि, चीन के लॉन्ग मार्च 5B बूस्टर का 20 से 40 फीसदी हिस्सा जमीन पर पहुंच जाएगा। एयरोस्पेस कॉरपोरेशन के अंतरिक्ष मलबा के विशेषज्ञ मार्लन सोरगे का कहना है कि, इसकी सटीक मात्रा वस्तु की बनावट पर निर्भर करती है। रॉकेट के अंति स्टेज में फ्यूल टैंक काफी छोटा होता है, लेकिन इंजन का हिस्सा बड़ा होता है। ऐसे में रॉकेट का इंजन और उसका टैंक एक साथ धरती की कक्षा में प्रवेश कर सकते हैं। ऐसे में जो भी वस्तु जलेगी नहीं, वह काफी तेज रफ्तार से धरती पर गिरेगी।