भारत छोड़कर अंग्रेज तो चले गए लेकिन उन्होंने डिवाइड एंड रुल (बाटों और राज करो) का खेल ऐसा खेला कि इसमें देश आज भी उलझा हुआ है। देश के कट्टरपंथी मुसलमान तो पूरी तरह इसके रंग में रंग गए हैं। खासकर कुछ मौलाना तो बड़े-बड़े टीवी चैनलों के शो में जहर उगलते नजर आते हैं। इनके दिलो-दिमाग में सिर्फ और सिर्फ जहर ही भरा हुआ है। आज दुनिया इतनी आधुनिक हो गई है लेकिन, ये अब भी ऐसे कानूनों में डूबे हुए हैं जो समाज और औरतों के खिलाफ है। कट्टरपंथी मौलना खुलेआम टीवी डिबेट में हिजाब, ट्रिपल तलाक और मस्जिदों जैसे मुद्दों पर जब बोलते हैं तो जहर ही उगलते हैं। ये मुद्दे बहुसंख्यक मुसलमानों के दिलों के बेहद करीब है ऐसे में इन कट्टरपंथी मौलानाओं को अच्छे से पता है कि उन्हें मासूम मुस्लिमों को कैसे भड़काना है। इन कट्टरपंथियों को लोग इस्लाम का प्रतिनिधी मान लेते हैं। एक कश्मीरी मुस्लिम खलिद बेग का कहना है कि, ऐसे कट्टरपंथी मुसलमानों को रोकने की जरूरत है। भारत में कई ऐसे मुस्लिम विद्वान हैं जो इस्लाम के प्रेम, मानवता और मित्रता के संदेश को फैलाने के सच्चे इच्छुक हैं। लेकिन, उनकी आवजें कट्टरपंथियों के आगे दब जाती है।