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इस्लामिक देशों ने इस Muslim देश का छोड़ा साथ, PM Modi ने थामा हाथ, बोले- डोंट वरी!

Crisis in Muslim Country Egypt

Crisis in Muslim Country Egypt: इस वक्त दुनिया के कई देशों में जमकर आर्थिक भूचाल आया है। साथ ही कई देशों में जंग के हालता हैं तो कई जंग के मैदान में आमने सामने हैं। दुनिया का एकलौता धर्म के नाम पर भारत से अलग होने वाला पाकिस्तान आज अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। कंगाली के हाल में दुनिया के सामने कटोरा लेकर खड़ा है। कभी चीन से भीख मांग रहा तो कभी, सऊदी से तो कभी UAE में जाकर रो रहा है। इस बीच एक और इस्लामिक देश (Crisis in Muslim Country Egypt) है जहां पर आर्थिक भूचाल आ गया है। देश में खाने के लिए लाले पड़ गये हैं। रोटी-रोटी के लिए लोग तरस रहे हैं। ये कोई और नहीं बल्कि, पिरामिड और ममी के लिए मशहूर मिस्र (Crisis in Muslim Country Egypt) है। जो इस वक्त पूरी दुनिया में सुर्खियों में है। जिस मिस्र का खाना दुनिया के जुबां पर चढ़ा वहीं पर आज भयंकर खाद्यान्न संकट आ पड़ी है। पाकिस्तान के बाद अब मिस्र भयानक आर्थिक संकट में है। लोगों के पास रोटी खरीदने के लिए पैसे नहीं हैं। इस मिस्र का साथ इस वक्त इस्लामिक देशों ने छोड़ दिया है। ऐसे में भारत आगे आया है और मिस्र का हाथ पकड़ कर साथ देने की बात कही है। यहां तक गणतंत्र दिवस के मौके पर चीफ गेस्त मिस्र के राष्ट्रपति सीसी होंगे।

भारत ने थामा मिस्र का हाथ
मिस्र में महंगाई दर 24 फीसदी से ज्यादा की है और विदेशी कर्ज का बोझ 170 अरब डॉलर तक बढ़ गया है। संकट की इस घड़ी में मिस्र के साथ सऊदी अरब और यूएई जैसे मुस्लिम देश भी नहीं खड़े हैं। लेकिन, भारत ने मिस्र का हाथ थामते हुए खाद्यान संकट को दूर करने के लिए भारी मात्रा में गेहूं मुहैया करवा रहा है। भारत में इस बार गणतंत्र दिवस की परेड में मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद होंगे। वह मंगलवार शाम 6 बजे दिल्ली पहुंचेंगे। इसके बाद बुधवार को पीएम मोदी संग वार्ता करेंगे फिर राष्ट्रपति भवन में उनके भव्य स्वागत का आयोजन होगा। यह यात्रा दिल्ली-काहिरा के बीच रक्षा, कृषि, शिक्षा क्षेत्रों पर संबंधों को मजबूत करने पर केंद्रित है। इसके बाद शुक्रवार को राष्ट्रपति सीसी दिल्ली से अपने मुल्क के लिए रवाना हो जाएंगे।

अकेला पड़ गया है मिस्र
मिस्र को इस वक्त मुस्लिम देशों ने अकेला छोड़ दिया है। ये वही मिस्र है जो कई बात आथंकवाद के खिलाफ आवाज उठा चुका है। इस्लामिक देशों में मिस्र को एक उदारवादी और प्रभावशाली आवाज के रूप में देखा जाता है। यहां तक कि मुस्लिम देशों के संगठन OIC में मिस्र पाकिस्तानी नीतियों का समर्थन नहीं करता है। मिस्र के संकट को लेकर देश के पतन की भी चेतावनी दी गई है। अब तक सऊदी अरब, यूएई जैसे खाड़ी देश ईरान के पर काटने के लिए मिस्र से रिश्ता मजबूत कर रहे थे। लेकिन, अब यही काम इजरायल और अमेरिका मिलकर करने लगे हैं तो अरब देशों ने मिस्र को अकेला छोड़ दिया है वो भी ऐसे समय में जब उसे सबसे ज्यादा मदद की जरूरत है।

दोस्तों ने भी मिस्र को दिया धोखा
मिस्र में इस वक्त हाल इतना बुरा है कि, महंगाई आसमान छू रही है गेहूं का भारी कमी आ गई है। साथ में चावल संकट का भी मुल्क सामना कर रहा है। हाल यह है कि, कई कंपनियों में चावल का स्टॉक कम होता जा रहगा है और लगो अब खराब क्वालिटी का चावल खाने के लिए मजबूत हो गये हैं। यहां तक कि मिस्र के राष्ट्रपति अल सीसी भी इस बात को स्वीकर कर चुके हैं कि, उनके मित्र देश इस कठिन समय में उनका साथ नहीं दे रहे हैं। खासकर कुवैत जैसे देश मिस्र को मिलने वाली मदद का विरोध भी कर रहे हैं। ऐसे में मिस्र को अब भारत का साथ मिला है। भारत हमेशा से ही दुनिया के उन देशों के साथ रहा है जो भारी संकट का सामना कर रहे हैं। श्रीलंका को भी भारी ने जिनती मदद की उतनी दुनिया में किसी ने नहीं की।

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