Movement Against Radicalization: समाज में आज मुस्लिम समुदाय को बदनाम करने वाले कोई नहीं बल्कि खुद कुछ कट्टरपंथी मुसलमान हैं। ये कट्टरपंथी मुसलमान मासूम मुसलमानों को झूट बोलकर इस तरह से भरमाते हैं कि ये उनकी बातों में आ जाते हैं। सबसे ज्यादा जरूरी इन कट्टरपंथियों (Movement Against Radicalization) को पहचानना और इन्हें अपने दिमाग से पूरी तरह अलग करना है। जब तक ये कट्टरपंथी रहेंगे तब तक देश में धर्म के नाम पर नफरत फैलाया जाता रहेगा। आज कई ऐसे मुस्लिम संगठन हैं जो लोगों को गुमराह होने से बचाने का काम कर रहे हैं। वो लोगों को सही और लगत के बारे में फर्क बता कर ऐसे कट्टरपंथियों से आगाह कर रहे हैं। उन्हें में से एक संगठन है ऑल इंडिया मुस्लिम जमात (Movement Against Radicalization) जिसके राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी समाज को आईना दिखाने का काम कर रहे हैं।
दरअसल, दरगाह आला हज़रत से जुड़े संगठन ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी बरेलवी ने तकरीर करते हुए कहा सूफी रुहानी सिलसिला क़ादरिया के संस्थापक हज़रत गौसे आज़म ने अपने बचपने के ज़माने से ही क्षूठ और फरेब के ख़िलाफ़ आन्दोलन शुरू कर दिया था, अपनी छोटी सी उम्र में सच बोलकर डाकूओं को हैरान कर दिया, जिसका नतीजा यह हुआ कि इन डाकूओं ने इस नन्हें से बच्चे के सच बोलने से इतने प्रभावित हुए कि अपने गलत कामों से तौबा कर ली और ज़िन्दगी भर लूट मार चोरी चकारी से नजात हासिल करके ख़ुदा के नेक और अच्छे बन्दे बन गए। मौलाना ने ये बातें कस्बा हाफिज़गंज जिला बरेली में आयोजित गौसे आज़म कांफ्रेंस में कहीं।
मौलाना ने तकरीर में आगे कहा कि ग़ौसे आज़म ने अपने अनुयायियों को हिंसा और कट्टर विचारधारा के खिलाफ शिक्षा दी है, उनकी पूरी ज़िन्दगी सूफिज्म को बढ़ावा देने और अमन व शांति की शिक्षा प्रदान करने में गुजरी। कांफ्रेंस में मुख्य रूप से क़ारी ग़ुलाम मुस्तफा, ताहिर रज़ा फरीदी, अयाज़ रज़वी, मौलाना ज़फरूद्दीन, ज़ारिफ गद्दी आदि अपने विचार रखे।
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