चीन के बारे में जितना सोचा जा सकता है वो उससे भी अधिक गिर सकता है। सीमा पर वो एक ओर शांति की बात करता है तो दूसरी ओर नियमों का उलंघन करता है। गलावन घाटी में जब चीनी जबरन घुसने की कोशिश की तो यहां पर खूनी संघर्ष में चीन को भारतीय सैनिकों ने मुंहतोड़ जवाब दिया। चीन यहां कमजोर पड़ा तो अपनी घटिया हरकतों पर उतर आया है। इस वक्त दिल्ली पुलिस ने एक गिरोह को गिरफ्तार जिसके तार चीन से जुड़े हैं। इसमें कई चीनी नागरिक भी गिरफ्तार किए गए हैं।
दिल्ली पुलिस ने दो महीने से अधिक समय तक चले एक ऑपरेशन में 500 करोड़ रुपये से अधिक के इंस्टेंट लोन-कम-एक्सटॉर्शन रैकेट का भंडाफोड़ कर देश के विभिन्न हिस्सों से 22 लोगों को गिरफ्तार किया। इस गैंग के तार पड़ोसी देश चीन से जुड़े हैं और इसमें कई चीनी नागरिक भी शामिल हैं। अधिकारियों ने शनिवार को इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह गिरोह चीनी नागरिकों के इशारे पर संचालित होता था और जबरन वसूली का पैसा हवाला और क्रिप्टोकरेंसी के जरिए चीन में भेजा जा रहा था।
पुलिस के मुताबिक, सैकड़ों शिकायतें दर्ज की गई थीं जिनमें आरोप लगाया गया था कि लोन उच्च ब्याज दरों पर दिए जा रहे थे और ब्याज सहित रकम की पूरी वसूली के बाद गिरोह लोगों से उनकी मॉर्फ्ड अश्लील तस्वीरों का उपयोग करके अधिक पैसे वसूल करता था। दिल्ली पुलिस के इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशन (IFSO) यूनिट ने इस शिकायतों को संज्ञान लिया और जांच करना शुरू किया तो पाया कि इस तरह की 100 से अधिक शिकायतें प्राप्त हुई थीं।
एप पर परमिशन मिलते ही चीन और हांगकांग के सर्वरों पर अपलोड हो जाती थी जानकारियां
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा है कि, यह गिरोह ऐप यूजर्स से कई अनुचित परमिशन मांग रहा था। ऐप यूजर्स के कॉन्टैक्ट्स, चैट, मैसेजों और फोटो का एक्सेस मिलने के बाद, यह गिरोह चीन और हांगकांग स्थित अपने सर्वरों पर संवेदनशील जानकारियां अपलोड करता था। ऐप को छोटी मात्रा में लोन प्रदान करने के लिए विकसित किया गया था। अधिकरी ने कहा कि यूजर्स ऐसे ऐपों में से किसी एक को डाउनलोड करते, ऐप के अनुमति देते और लोन की राशि मिनटों में उनके खाते में जमा हो जाती। जिसके बाद इनका असली खेल शुरू हो जाता था।
लोन के बाद चीनीयों का शुरू होता था असली खेल
इस ऐप के जरिए जब कोई लोन ले लेता तब उसके बाद ड्रैगन अपना खेल शुरू करता था। इसके बाद अन्य नंबरों से फोन आते और पूरी राशि देने के बाद भी ये और ज्यादा डिमांड करते थे। DCP (आईएफएसओ) केपीएस मल्होत्रा ने कहा कि इसके बाद लोन लेने वाले व्यक्ति को विभिन्न नंबरों से कॉल आने शुरू हो जाते जो नकली आईडी पर प्राप्त किए गए थे, जो यह धमकी देते हुए पैसे की उगाही करते थि कि अगर उन्होंने रुपये नहीं दिए तो उनकी मॉर्फ्ड अश्लील तस्वीरें इंटरनेट पर अपलोड कर दी जाएंगी।
इसके आगे उन्होंने कहा कि, सामाजिक बदनामी और कलंक के कारण यूजर्स उन्हें पैसों का भुगतान करते थे, जिसे बाद में हवाला के माध्यम से या क्रिप्टोकरेंसी खरीदने के बाद चीन भेज दिया जाता था। एक व्यक्ति जिसे 5,000 से 10,000 रुपये तक के छोटे लोन की सख्त जरूरत होती थी, उसे बदले में कई लाख रुपये देने के लिए मजबूर किया जाता था। पुलिस ने कहा कि इसके कारण कई आत्महत्याएं भी हुई हैं। उन्होंने कहा कि गैंग ने कई खातों का इस्तेमाल किया और प्रत्येक खाते में प्रतिदिन 1 करोड़ रुपये से अधिक प्राप्त किए।
चीनी नागरिकों के इशारे पर करते थे काम
चीन का ये नेटवर्क दिल्ली के साथ ही कर्नाटक, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश के अलावा कई और राज्यों में भी फैला हुआ था। DCP मल्होत्रा ने कहा कि, दो महिलाओं समेत 22 लोगों को देश के विभिन्न हिस्सों से पकड़ा गया है। पूछताछ के दौरान, उन्होंने खुलासा किया कि वे चीनी नागरिकों के इशारे पर काम करते थे। वसूली के संबंध में सारा डेटा उस देश के सर्वरों से उपलब्ध कराया जा रहा था। पुलिस ने कहा कि कुछ चीनी नागरिकों की पहचान की पुष्टि की गई है और उनका पता लगाने और उन्हें गिरफ्तार करने के प्रयास किए जा रहे हैं। अब जब पुलिस ने कार्रवाई करनी शुरू कर दी है तो ऐसे में इस गैंग के गुर्गे अपने रिकवरी कॉल सेंटरों को पाकिस्तान, नेपाल और बांग्लादेश में शिफ्ट कर रहे हैं। पुलिस ने बताया कि, अब तक चीनी नागरिकों द्वारा 500 करोड़ रुपये से अधिक की हेराफेरी की जा चुकी है।