Pakistan on PFI: पाकिस्तान ने एक चीज साफ कर दिया है कि वो आतंकियों को पनाह देना और समर्थन करना नहीं छोड़ेगा। भारत में आतंक फैलाने वालों के खिलाफ जब भी कार्रवाई हुई है पाकिस्तान (Pakistan) को जरूर मिर्ची लगी है। इससे ये साफ होता है कि पाकिस्तान आतंकवाद (Pakistan Terrorism) का समर्थक है। कश्मीर का अलगाववादी नेता और आतंकी यासीन मलिक (Yasin Malik) की गिरफ्तारी पर भी पाकिस्तान हमदर्द बन गया था। अब पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) को प्रतिबंध किये जाने पर पाकिस्तान (Pakistan on PFI) बौखला उठा है। PFI लगातार देश में नफरत फैला रही है, आतंकी घटनाओं को अंजाम देने की कोशिश कर रही थी। मुस्लिम युवाओं को देश के खिलाफ और हिंदुओं के खिलाफ भड़का रही थी। कई मर्डर में इसका हाथ सामने आया है। PFI अंदर ही अंदर देश को दीमक की तरह चाटने का काम कर रहा था। ऐसे में जब इसके खिलाफ सरकार ने एक्शन लिया तो इसकी आवाज पाकिस्तान (Pakistan on PFI) तक पहुंच गई। इसी पीएफआई को पाकिस्तान संग कई अन्य बड़े इस्लामिक देशों से भारत में नफरत फैलाने के लिए फंडिंग मिलती थी।
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PFI के खिलाफ कार्रवाई पर पाकिस्तान को दर्द
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के खिलाफ कार्रवाई पर पाकिस्तान इतना बौखला उठा है कि वो संयुक्त राष्ट्र संघ तक जाने की कोशिश कर रहा है। पाकिस्तान इतना बेशर्म है कि वो दुनिया के सामने झूठ बोलने से भी बाज नहीं आता है। पूरी दुनिया में उसकी किरकिरी होती है। पाकिस्तान के कनाडाई दूतावास के वेरिफाइ़ड ट्विटर हैंडल के जरिए पीएफआई के ट्वीट पर कमेंट किया गया है। इस कमेंट में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार और पाकिस्तान के विदेश कार्यालय को टैग किया गया है। इस ट्वीट का स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। एक यूजर ने तो सलाह देते हुए कहा कि इसके लिए किसी फेक आईडी का सहारा लेना चाहिए था। इतनी तो समझ होनी चाहिए। आपको बता दें कि पीएफआई ने मंगलवार को दूसरे दौर की कार्रवाई के बीच अपने ट्वीट में समर्थन का आह्वान किया था।
आतंकवाद फैला रहा था PFI
वायरल स्क्रीनशॉट में पाकिस्तान के महावाणिज्य दूतावास वैंकूवर के हैंडल को जवाब में अंतरराष्ट्रीय हैंडल को टैग करते हुए दिखाया गया है। बता दें कि पीएफआई और उससे जुड़े आठ अन्य संगठनों को भारत में आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने के आरोपों में प्रतिबंधित कर दिया गया था। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया का ट्विटर हैंडल भी निष्क्रिय कर दिया गया है। इसलिए इस ट्वीट का जवाब अब ऑनलाइन नहीं मिल सकता है। गृह मंत्रालय ने कहा कि पीएफआई के आतंकवाद से स्पष्ट संबंध हैं। इसके कुछ नेता सिमी और जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश से जुड़े रहे हैं। गृह मंत्रालय ने कहा कि पीएफआई समाज के एक विशेष वर्ग को कट्टरपंथी बनाने के गुप्त एजेंडे पर काम कर रहा था।
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मुसलमानों को कट्टरपंथी बना रहा PFI
गौरतलब हो कि, पिछले कुछ दिनों से PFI पर भारी कार्रवाई की गई है। जिसके बाद एक से बढ़कर एक खुलासे हुए रहें हैं। केरल में बीजेपी नेता की हत्या भी इसी ने की इसका वीडियो मिला है। इसके साथ ही पटना के फुलवारी शरीफ में जो टेरर मॉड्यूल का खुलासा हुआ था उसकी भी जड़ PFI है, उदयपुर के कन्हैयालाल की मौत से लेकर देश में अन्य कई गंभीर मामलों में PFI का हाथ रहा है। PFI पर सरकार ने अब प्रतिबंधित लगाया है जबकि, बहुत पहले ही लगा देना चाहिए था। केंद्रीय एजेंसियों ने कई दस्तावेजों का पता लगाया है जिसमें संगठन ने अपने कैडर को आईईडी बनाना सिखाया था। संगठन ने भारत विरोधी दस्तावेज ‘मिशन 2047’ भी तैयार किया जिसमें इस्लामिक स्टेट के वीडियो थे।