उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन (kim jong un) ने लंबी-लंबी दूरी की परमाणु मिसाइलों का ताबड़तोड़ परीक्षण कर दुनिया भर में दहशत फैला दी है। दरअसल, पिछले कुछ दिनों से नॉर्थ कोरिया (North Korea) अलग-अलग तरह की मिसाइलों की टेस्टिंग करने में जुटा हुआ है। इस दौरान अब तक 12 मिसाइलों की टेस्टिंग की जा चुकी है, लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा है उस मिसाइल की जो समुद्र की गहराई से दागी जा सकती है। ऐसे में अब उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग (Kim Jong-un) उन अपने मिसाइल परीक्षणों से दुनियाभर को चिंतित करते दिख रहे हैं। खास बात उनके इन परीक्षणों से सबसे ज्यादा टेंशन अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान को हो रही है। इस बीच अब हाल ही में किम जोंग की सेना ने एक मिसाइल को झील के अंदर से दागा है।
वहीं इस किलर मिसाइल की तस्वीर देखने के बाद रक्षा विशेषज्ञ भी टेंशन में आ गया है और उन्होंने तानाशाह किम जोंग उन की इस मिसाइल को लेकर चेतावनी दी है। विशेषज्ञों के मुताबिक उत्तर कोरिया के पास सबमरीन की अच्छी तकनीक नहीं है, ऐसे में अगर अमेरिका या कोई अन्य देश परमाणु हमला करता है तो उत्तर कोरिया के पास जवाबी हमला करने की ताकत बनी रहेगी। आइए जानते हैं क्या है यह मिसाइल और कैसे करती है अपना काम….
मिला एक नया सुरक्षा कवच
अमेरिका की प्रतिष्ठित रक्षा वेबसाइट द ड्राइव की रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर कोरिया ने 25 सितंबर से 9 अक्टूबर के बीच में कई मिसाइलों का परीक्षण किया। इसमें एक मिसाइल तो जापानी क्षेत्र के ऊपर से गुजरी जो अपने आप में बहुत ही उकसाने वाला और दुर्लभ मामला था। इस दौरान उत्तर कोरिया की एक ऐसी क्षमता के बारे में पता चला जिसके बारे में अब तक दुनिया अंजान थी।
उत्तर कोरिया ने सबमरीन से दागे जाने वाली मिसाइल को एक उत्तर कोरियाई झील के अंदर डूबे प्लेटफार्म से दागकर दुनिया को टेंशन में डाल दिया है। उत्तर कोरिया के पास अभी तक मोबाइल बलिस्टिक मिसाइल लॉन्चर हैं जिनमें से कई तो बहुत लंबी हैं। उत्तर कोरिया ने इससे पहले ट्रेन से मिसाइल दागने की तकनीक का प्रदर्शन किया था। ये दोनों ही जहां उत्तर कोरिया को दुश्मन के हमले में बच जाने की क्षमता देती हैं, वहीं झील के अंदर से दागी गई मिसाइल किम जोंग उन को एक अलग स्तर की सुरक्षा प्रदान करती है।
उत्तर कोरिया की बढ़ी ताकत
किम जोंग की झील से दागे जाने वाली मिसाइल उस समय बहुत कारगर साबित हो सकती है जब दुश्मन परमाणु हमला करता है और उसके जवाब में उत्तर कोरिया को जवाबी हमला करना होता है। उत्तर कोरिया के आधिकारिक न्यूज एजेंसी केसीएनए ने इस परीक्षण की तस्वीरों को जारी करते हुए कहा कि इस मिसाइल का परीक्षण 25 सितंबर को एक झील से किया गया। उत्तर कोरिया ने यह नहीं बताया कि यह मिसाइल ठीक ठीक कौन सी थी लेकिन फोटो से नजर आ रहा है कि यह कम दूरी तक मार करने में सक्षम सबमरीन से लॉन्च की जाने वाली मिसाइल थी। इस तरह की मिसाइल को उत्तर कोरिया ने सबसे पहले साल 2021 में दुनिया के सामने प्रदर्शन किया था।
टैक्टिकल परमाणु बम को ले जा सकती है यह मिसाइल
उत्तर कोरिया ने बताया कि देश के पश्चिमोत्तर हिस्से से दागी गई इस मिसाइल में नकली टैक्टिकल न्यूक्लियर वारहेड भी लगा हुआ था। उत्तर कोरिया ने कहा कि इस परीक्षण का उद्देश्य परमाणु हथियार से लैस मिसाइल की विश्वसनीयता की परख करना था। साथ ही तेजी से पानी के अंदर से मिसाइल को दागने की तकनीक में पारंगत होना था। उसने कहा कि यह नकली परमाणु बम से लैस मिसाइल पहले हवा में गई, फिर वह कोरिया के पूर्वी सागर में एक फिक्स टारगेट के पास जाकर गिरी। एक फिक्स ऊंचाई पर वारहेड के विस्फोट की पुष्टि हुई।