शी जिनपिगं (Xi Jinping)इसी साल सितंबर में जब एससीओ सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे तो बीजिंग में उनके पीछे बीजिंग में बहुत कुछ चल रहा था। सम्मेलन में शी जिनपिंग (Xi Jinping) सामान्य नहीं थे। ताशकंत से लौटने के बाद वो गायब से हो गए। खबरें उड़ी कि पूर्व राष्ट्रपति हू जिंताओ, प्रधानमंत्री ली कियांग और एक पूर्व जनरल ने शी जिनपिंग (Xi Jinping) को अरैस्ट कर लिया। उन्हें सेना अध्यक्ष पद से हटा दिया गया।
खबरें यह भी थीं कि शी जिनपिंग के सरकारी आवास को सेना ने घेरे में ले लिया है। इस बात के कुछ सबूत भी सोशल मीडिया पर तेजी से शेयर हुए। सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि चीन के किसी भी अधिकारिक तौर पर कोई खंडन भी नहीं किया गया। हां, यह बात जरूर थी कि खुले तौर पर चीन में कुछ नहीं था। एक दिन के लिए फ्लाइट कैंसल हुईं। लेकिन बाकी सब कुछ सामान्य मगर सन्नाटा जरूर था।
#PLA military vehicles heading to #Beijing on Sep 22. Starting from Huanlai County near Beijing & ending in Zhangjiakou City, Hebei Province, entire procession as long as 80 KM. Meanwhile, rumor has it that #XiJinping was under arrest after #CCP seniors removed him as head of PLA pic.twitter.com/hODcknQMhE
— Inconvenient Truths by Jennifer Zeng 曾錚真言 (@jenniferzeng97) September 23, 2022
फिर एक दिन एक प्रदर्शनी में शी जिनपिंग (Xi Jinping) अचानक नमूदार हो गए। वार्षिक कांग्रेस की तैयारियां परवान चढ़ने लगी। कहा जाने लगा कि कॉन्पिरेसी थ्योरिस्ट ने बखेड़ा किया था। लेकिन 22 सितंबर को चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की कॉंग्रेस में जो कुछ हुआ वो यह बताता है कि कॉन्सपिरेसी थ्योरिस्ट की कहानी वेबजह नहीं थी। शी जिनपिंग (Xi Jinping) ने सीसीपी के बहाने कुछ दिन की मौहलत मांगी और फिर शांति पूर्वक सत्ता छोडने का वजन हु जिंताओ और उनके गुट को देकर सामान्य काम पर लौट आए। गिरफ्त से बाहर आते ही शी जिनपिंग ने बहुत तेजी और गोपनीयता से काम किया है। उन 50 लाख लोगों को जेल में डलवा दिया जो हू जिंताओं के इशारे पर चीन में बगाबत का झण्डा बुलंद कर सकते थे। 50 लाख की खबर तो किसी तरह खबरों की दुनिया में आ गई। कितने लाखों का टॉरचर हुआ होगा या बीजिंग में हो रहा होगा और कितने लाख का आगे होगा, किसी को कुछ नहीं पता।
#XiJingping ने चीन का तीसरी बार राष्ट्रपति बनने का अपना प्रस्ताव पेश होने से ठीक पहले पूर्व राष्ट्रपति #hujintao को बेइज्जत कर नेशनल कांग्रेस से निकाल फिंकवाया#narrativehindi @AartiTikoo @mssirsa @TajinderBagga @CHYAVAN pic.twitter.com/h4GKpI5Vzb
— इंडिया नैरेटिव (@NarrativeHindi) October 22, 2022
ऐसा बताया जाता है कि शी जिनपिंग (Xi Jinping) विरोधी गुट का नेतृत्व हू जिंताओ ही कर रहे थे। प्रधानमंत्री ली कियांग और एक पूर्व जनरल भी इसमें खास बताए जाते हैं। लेकिन शी जिनपिगं ने हू जिंताओ को सीसीपी की कांग्रेस में उनकी हैसियत दिखा दी। सीसीपी के सबसे सीनियर लीडर हू जिंताओ शीजिनपिंग (Xi Jinping) के बगल में ही बैठे थे। वो कुछ कहने जा रहे थे। इसी बीच शी जिनपिंग (Xi Jinping) की खुफिया विभाग इकाई के दो एजेंट आकर बूढ़े-निशक्त पूर्व राष्ट्रपति हू जिंताओ को हाथ पकड़ कर कुर्सी से उठा लेते हैं और जबरन कांग्रेस हॉल से बाहर लेजाने लगते हैं। हू जिंताओ प्रतिरोध भी करते हैं, मगर उनका प्रतिरोध इतना कमजोर होता है कि शी जिनपिंग के एजेंट उनको बड़ी आसानी से बाहर का रास्ता दिखा देते हैं।
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सीसीपी के इतिहास में यह पहली घटना है जब किसी पूर्व राष्ट्रपति को इतनी बेइज्जति से कांग्रेस से बाहर का रास्ता दिखाया गया हो। कांग्रेस हाल से बाहर जा रहे हू जिंताओ को शायद अपने भविष्य का आभास होचुका था, इसलिए उन्होंने शीजिनपिंग और प्रधानमंत्री लीकियांग से ‘शहीदों’ की तरह आखिरी सलाम भी किया। दोनों ने उनकी ओर देखे बिना गर्दनें भी हिलाईं।
हां एक खास बात और कांग्रेस हाल से बाहर जाने से पहले हू जिंताओ ने शी जिनपिंग से भी अपना प्रतिरोध जाहिर किया।
चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी की 5 साल में एक बार होने वाली बैठक में एक अजीब ड्रामा देखने को मिला। चीन के पूर्व राष्ट्रपति हू जिंताओ को पार्टी की बैठक से जबरन निकाल दिया गया। जब यह घटना हुई उस समय राष्ट्रपति शी जिनपिंग अपने पूर्ववर्ती राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बिल्कुल सटकर बैठे हुए थे। हू जिंताओ को क्यों ग्रेट हॉल से कहां ले जाया गया, इसकी ठीक-ठीक जानकारी नहीं मिल पाई है लेकिन उनका वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो गया है। ऐसा बताया जा रहा है कि लीकियांग और उनके लोगों ने शी जिनपिगं से समझौता कर लिया है। अब रविवार यानी आने वाले दिन शी जिनपिंग को फिर से तीसरी बार राष्ट्रपति चुने जाने का प्रस्ताव पारित हो जाएगा। उसके बाद लीकियांग का क्या होगा? जेलों में बंद लाखों लोकतंत्र समर्थक चीनी नागरिकों का क्या होगा, किसी को कुछ नहीं मालूम।