China 20th Party Congress Hu Jintao: चीन में कम्युनिस्ट पार्टी की 20वीं कांग्रेस में शी जिनपिंग की तीसरी बार ताजपोशी के बीच एक बड़ा ड्रामा देखने को मिला। चीन के पूर्व राष्ट्रपति हू जिंताओ (China 20th Party Congress Hu Jintao) को पार्टी कांग्रेस के बीच से ‘जबरन’ उठाकर बाहर कर दिया गया। हू जिनताओ को जब निकाला गया, उस समय चीन के ग्रेट हॉल में समापन समारोह चल रहा था। चीन में वैसे भी पहले से ही जनता शी जिनपिंग के खिलाफ प्रदर्शन कर रही है। जनता चीन में नए राष्ट्रपति की तलाश में थी लेकिन, शी जिनपिंग की चाल के चलते वो एक बार फिर से सत्ता में बैठे रहेंगे। ग्रेट हॉल में राष्ट्रपति हू जिंताओ (China 20th Party Congress Hu Jintao) को निकालने का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। ऐसे में लोगों का मानना है कि, शी को जिंताओ से डर था इसलिए उन्होंने ऐसा कदम उठाया। यही नहीं, पार्टी कांग्रेस के बाद शी जिनपिंग के धुर विरोधी रहे प्रधानमंत्री ली केकिआंग को भी सेंट्रल कमिटी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। इसके साथ ही वह अब पार्टी की गतिविधियों से रिटायर हो गए हैं। यानी की शी जिनपिंग अपने आगे से विरोधियों का सफाया करते हुए चल रहे हैं।
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हू जिंताओ से डरे शी जिनपिंग
जो वीडियो सामने आया है उसमें दिख रहा है कि, 79 वर्षीय हू जिंताओ शी जिनपिंग के बाईं ओर बैठे थे और बीजिंग में ग्रेट हॉल ऑफ द पीपल के मुख्य सभागार के मंच से दो लोगों द्वारा उनको बाहर निकाला जा रहा है। ‘जबरन’ उठाने से पहले दोनों शख्स जिन्ताहू से कुछ देर बात भी करते हैं और फिर उन्हें पकड़कर बाहर कर लिया जाता है। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि माजरा क्या है लेकिन, वीडियो सामने आने के बाद यह तो साफ हो गया है कि चीन में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है।
Emperor Xi just had his predecessor Hu Jintao hauled out of the CCP summit on live TV in full view of everyone
Ruthless pic.twitter.com/OTnsHKokSu
— ShapiroExposed.com (@JackPosobiec) October 22, 2022
शी जिनपिंग के कट्टर विरोधी प्रधानमंत्री ली कचीयांग पर भी एक्शन
सिर्फ हू जिंताओ को ही बाहर नहीं किया गया है। शी जिनपिंग के कट्टर विरोधी प्रधानमंत्री ली कचीयांग पर भी पार्टी कांग्रेस ने ऐक्शन लिया है। उन्हें सेंट्रल कमिटी से बाहर कर दिया गया है। इस तरह शी जिनपिंग के बाद पार्टी में दूसरे नंबर के नेता को भी बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। ली को जिनपिंग का प्रतिद्वंद्वी माना जाता है। इस तरह शी ने अपनी राह में एक और रोड़ा हटा दिया है। पांच साल में एक बार आयोजित कम्युनिस्ट पार्टी की बैठक पार्टी के संविधान में किए गए संशोधनों के साथ संपन्न हुई। परिवर्तन में व्यापक तौर पर परिवर्तन शी जिनपिंग की मजबूत स्थिति को दर्शाता है। माना जा रहा है अब शी की चीनी हुकूमत में पकड़ और मजबूत होगी।
शी जिनपिंग अब करेंगे चीन में अपनी मनमानी
अब चीन में जनता के पास कोई विकल्प बचा नहीं है। उन्हें मजबूरन शी जिनपिंग को अपनाना होगा। इस कदम के बाद जानकारों का कहना है कि, कम्युनिस्ट पार्टी की सेंट्रल कमिटी में अब शी जिनपिंग के समर्थकों को ज्यादा जगह दी गई है। प्रधानमंत्री ली के विदाई के साथ ही अब चीन में शी जिनपिंग सबसे शक्तिशाली हो गए हैं। अपने तीसरे कार्यकाल में वो आसानी से कड़े फैसले ले सकेंगे। ऐसे में वो जमकर अपनी मनमानी करेंगे, क्योंकि, उन्हें रोकने वाला कोई होगा नही। ये चीन के लिए एक तरह से खतरे की भी घंटी है। क्योंकि, शी जिनपिंग के कार्यकाल के दौरान चीन की दुनिया में सिर्फ दुश्मनी बढ़ी है। ऐसे में उनकी मनमानी कहीं देश को पूरी तरह से न डूबो दे।