Hindi News

indianarrative

ड्रैगन की ‘ताकत का बुलबुला’ फूटा! अचानक लाखों लोगों ने शी जिनपिंग को दिखाया ठेंगा?

शी जिनपिंग को सीसीपी के टूटने का डर सता रहा है

चीनी (China) राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने हाल ही में चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के संभावित पतन के बारे को लेकर टेंशन व्यक्त की है। क्योंकि दुनिया भर में करीब 415 मिलियन लोगों ने सीसीपी के साथ अपनी संबद्धता छोड़ दी है, जिसमें इसकी रेजिमेंट, टीमें और अन्य संबद्ध संगठन शामिल हैं। ग्रीक सिटी टाइम्स के मुताबिक ये सामूहिक इस्तीफे इस साल 1 जुलाई से रिपोर्ट किए गए हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया भर में लोगों की प्रतिक्रिया ने सीसीपी (CCP) अधिकारियों को हैरान कर दिया है, हाल ही में एससीओ शिखर सम्मेलन में शी जिनपिंग ने कहा था कि वह किसी भी कारण से किसी भी देश द्वारा ‘रंगीन क्रांतियों’ और ‘आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप’ को भड़काने के विरोध में हैं। ग्रीक सिटी टाइम्स ने बताया कि शी को एससीओ के सदस्य देशों ने कहा कि उन्हें नए शीत युद्ध के लिए परिदृश्य बनाने वाली ‘बाहरी ताकतों’ से सावधान रहना चाहिए। वह बार-बार सीसीपी के पतन के संबंध में चेतावनियां जारी करते रहे हैं।जिनसे अगर निपटा नहीं गया तो यह सच में टूट सकता है।

ये भी पढ़े: चीन-क्यूबा दोस्ती से अमेरिका को ख़तरा,अमेरिकी ख़ुफ़िया विभाग चौकन्ना

जिनपिंग ने चिंता व्यक्त की

ग्रीक सिटी टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार सीसीपी पतन के बारे में उनकी चिंता को संबोधित किया गया था। समाचार रिपोर्ट के अनुसार, शी जिनपिंग ने अपने भाषण में चीनी विशेषताओं के बैनर तले मार्क्सवाद और साम्यवाद की मान्यताओं को बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया। शी को चिंता है कि जैसे सोवियत संघ टूटा वैसे सीसीपी भी टूट सकती है। सीसीपी को डर है कि बड़े पैमाने पर लोगों के पार्टी छोड़ने के कारण सोवियत संघ जैसा ही उसका भी हश्र हो सकता है। सीसीपी की चिंता चीन की बिगड़ती आंतरिक और बाहरी समस्याओं और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ बढ़ती प्रतिद्वंद्विता और आर्थिक और सामाजिक मोर्चे पर उसके सामने आने वाली चुनौतियों से जुड़ी है। वर्तमान स्थिति को ध्यान में रखते हुए, सीसीपी अधिकारियों द्वारा उठाए गए नीतिगत मामले दिन-ब-दिन अलोकप्रिय होते जा रहे हैं और उन्हें चीन और अन्य देशों में आलोचना का सामना करना पड़ रहा हैं।