Chinese Worker Security: पाकिस्तान में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर हमला हुआ जिसके बाद पाकिस्तान की सुरक्षा व्यवस्था पर खूब सवाल उठ रहा है। पाकिस्तान में पूर्व प्रधानमंत्रियों से ज्यादा सुरक्षा तो वहां रह रहे चीनी नागरिकों (Chinese Worker Security) को मिल रहा है। दरअसल, चीन से यात्रा और शी जिनपिंग की फटकार सुनकर वापस आये प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने फैसला किया है कि, चीनी श्रमिकों को बुलेट फ्रूट कार दी जाएगी। अब CPEC प्रोजेक्ट पर काम कर रहे सभी चीनी श्रमिकों को पाकिस्तान सरकार बुलेट-प्रूफ कार (Chinese Worker Security) देगी।
पाकिस्तान में चीनी श्रमिक बुलेट प्रूफ कार में घूमेंगे
CPEC प्रोजेक्ट पर काम कर रहे चीनी मजदूरों पर आतंकी खतरा मंडरा रहा था। जिसकी वजह से चीनी सरकार ने चिंता जताई थी और पाकिस्तान सरकार से सुरक्षा का आह्वान किया था। अब पाकिस्तान सरकार ने चीन के आग्रह को मानते हुए सभी चीनी श्रमिकों को बुलेट-प्रूफ कार देने का फैसला किया है। चीन के इस प्रोजेक्ट के चलते ग्वादर और बलूचिस्तान के लोगों ने खूब प्रोटेस्ट भी किया था। उनका कहना था कि, उन्हें नौकरी, हेल्थ, एजुकेशन और अन्य कई सारी चीजों को लेकर वादा किया गया था। लेकिन, इसमें से कुछ नहीं किया गया। उलटा पाकिस्तान आर्मी और आईएसआई का इनपर अत्याचार बढ़ गया। अपनी हक की मांग को लेकर बलूच के सिपाहियों ने कई बार चीनी नागरिकों पर हमला किया लेकिन, पाकिस्तान सरकार को उनकी जिंदगी से कोई फर्क नहीं पड़ा।
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मारे गये थे 13 चीनी नागरिक
बता दें कि, इस साल 13 जुलाई पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में एक भीषण बम धमाका हुआ था, जिसमें चीन के 13 श्रमिकों की मौत हो गई थी। ये सभी श्रमिक 4320 मेगावाट की दासू हाइड्रोपावर परियोजना पर काम करने के लिए जा रहे थे। लेकिन तभी आतंकियों ने इनकी बस को निशाना बनाते हुए उसमें विस्फोट किया गया। प्रोजेक्ट का काम पाकिस्तान में चीनी कंपनी कर रही है। 13 जुलाई को हुए हमले के बाद से इसपर काम बंद कर दिया गया था। हलांकि 26 अक्तूबर को काम एक बार फिर से शुरू कर दिया गया था।
CPEC प्रोजेक्ट
चीन का कहना है कि, वो चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) के तहत अरब सागर पर पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह को उत्तर-पश्चिम चीन के झिंजियांग उइगुर स्वायत्त क्षेत्र में काशगर से जोड़ेगा। जिससे व्यापार बढ़ेगा। इस योजना में चीन ने 60 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश किया है। यह चीन की महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) का हिस्सा है, जो राष्ट्रपति शी जिनपिंग की एक घरेलू परियोजना है।